Ashok Nagar News: तेज भाव और बंपर पैदावार के बाद भी आखिर किसानों ने क्यों सड़क पर फेंके अपने गेहूं

Published on -

अशोकनगर, हितेंद्र बुधोलिया। जिस अशोकनगर जिले के गेहूं को उच्च गुणवत्ता के लिए देश भर में पहचान मिली है। उसी गेहूं को सरकारी खरीदी केंद्रों पर अमानक बता कर खरीदने से मना किया जा रहा है। 2 दिन से किसान अपनी शिकायत को लेकर परेशान हैं। कल रात मे किसान गेहूं से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर कलेक्ट्रेट पहुँचे थे। मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। तो मजबूर होकर किसानों ने ट्रॉलीओं में भरे गेहूं को कलेक्ट्रेट के सामने ही सड़क पर फैला दिए। किसानों का गेहूं जब सड़क पर आया तो प्रशासन में हल्ला मच गया, भारी पुलिस फोर्स पहुंच गया। इसके अलावा तमाम सारे प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंच चुके हैं।

यह भी पढ़ें – नमक और चीनी का सेवन पूरी तरह से छोड़ देना, सेहत के लिए कहां तक सही है? जाने एक्सपर्ट की राय

इस दौरान किसानों की पुलिस अधिकारियों से जमकर कहासुनी भी हुई है। मौके पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक की समझाइश के बाद किसान अपने गेहूं भरने के लिए तैयार हुए। किसानों का कहना है कि उनके गेहूं को सफेद बताकर खरीदने से मना किया जा रहा है। जबकि गेहूं के सफेद होने का कोई भी मुद्दा कभी खरीदी के दौरान सामने आया ही नहीं।

यह भी पढ़ें – Mandi bhav: 13 अप्रैल 2022 के Today’s Mandi Bhav के लिए पढ़े सबसे विश्वसनीय खबर

बुधवार को सुबह किसान जब खरीदी केंद्रों पर अपनी ट्रालियां लेकर पहुंचे किसानों के गेहूं को सर्वेयर ने अमानक बताया तो किसान भरी ट्राली लेकर सीधे कलेक्ट्रेट आ गए। जहां उन्होंने अधिकारियों को खरीदी में आ रही समस्याओं से अवगत कराते हुए खरीदी में लगे अधिकारियों पर सांठगांठ के आरोप लगा दिए। किसानों का कहना है की खरीदी केंद्रों पर जो सर्वेयर नियुक्त किए गए हैं वह उनके गेहूं में सफेद गेहूं की कुछ मात्रा को अमानक बताकर रिजेक्ट कर रहे हैं। जबकि पिछले कई सालों में इस तरीके का गेहूं मानक मानकर खरीदा जाता रहा है।

यह भी पढ़ें – पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पुलिस कमिश्नर को लिखा पत्र, सीएम शिवराज पर FIR दर्ज करने की मांग

किसानों की नाराजगी देखकर मौके पर तहसीलदार रोहित रघुवंशी और खरीदी से जुड़े कुछ अधिकारी पहुंचे और गेहूं के सैंपल लेकर टेस्टिंग के लिए एफसीआई पहुंचे। जहां विशेषज्ञों द्वारा गेहूं की टेस्टिंग की जा रही है। किसानों का कहना है कि जो समितियों पर खरीदी कर गेहूं भंडारण के लिए एफसीआई गोदाम में भेजा गया है उसकी क्वालिटी उनके लाए गए गेहूं की तुलना में घटिया है इसके बाद भी सोसाइटी और अधिकारियों के बीच तालमेल ना बैठ पाने के कारण उनके गेहूं को रिजेक्ट किया जा रहा है।


About Author

Ram Govind Kabiriya

Other Latest News