रिकार्ड बनाने के दौर में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा अशोकनगर रेलवे स्टेशन, करीब 4 साल पहले 12 करोड रुपए से हुआ घटिया स्तर का काम

भ्रष्टाचार ने अशोकनगर के कार्यक्रम को पूरी तरह से रेलवे विभाग के लिए शर्मसार करने वाला कर दिया। भ्रष्टाचार से जुड़े सवालों पर रेल विभाग लंबे समय से चुप्पी साधे हुए हैं।

Amit Sengar
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Ashoknagar News : देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रेल विभाग से जुड़ी करीब 2000 परियोजनाओं को एक साथ शुरू किया गया। जहाँ रेलवे के इतिहास में यह अपने आप में बहुत बड़ा एवं रिकार्ड बनाने वाला काम माना जा रहा है। वहीं अशोकनगर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प के शुभारंभ का कार्यक्रम पुराने कार्यों में हुए भ्रष्टाचार से गूँजता रहा। 4 साल पहले करीब 12 करोड रुपए से हुए कार्य को घटिया स्तर के एवं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता हुआ बताया गया। जनप्रतिनिधियों ने इस को लेकर काफी आक्रोश व्यक्त किया। साथ ही अब 10 करोड रुपए से होने वाले कायाकल्प में इस तरह की भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे उसके लिये अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई।

नगर पालिका अध्यक्ष ने अपनी सरकार में हुए भ्रष्टाचार की खोली पोल

कांग्रेस के स्थानीय विधायक हरिबाबू राय ने तो पुराने काम को आढे हाथों लेते हुए आगे भ्रष्टाचार होने पर आंदोलन की बात कही। वहीं भारतीय जनता पार्टी के नगर पालिका अध्यक्ष नीरज मानोरिया ने भी पिछले वर्षों में हुए रेलवे स्टेशन में भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी। बीजेपी के जनप्रतिनिधि के द्वारा प्रधानमंत्री द्वारा शुभारंभ हो रहे कार्यक्रम में इस तरह की बात कही बड़ी बात मानी जा रही है।

क्षेत्रीय भाजपा सांसद डॉ केपी यादव प्रधानमंत्री मोदी से पहले जब स्थानीय स्तर पर बोलने के लिए खड़े हुए तो उन्होंने भी पिछले समय में हुए रेलवे के काम में भ्रष्टाचार को न केवल स्वीकार किया बल्कि इसमें शिकायत एवं कार्रवाई की बात भी कही। इस तरह रेलवे विभाग जब आज के ऐतिहासिक कार्यक्रम में अपनी पीठ ठोकने की कोशिश कर रहा था तभी पिछले बार के भ्रष्टाचार ने अशोकनगर के कार्यक्रम को पूरी तरह से रेलवे विभाग के लिए शर्मसार करने वाला कर दिया। भ्रष्टाचार से जुड़े सवालों पर रेल विभाग लंबे समय से चुप्पी साधे हुए हैं।

अशोकनगर से हितेंद्र बुधौलिया की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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