मनरेगा में चल रही मशीनें, ग्रामीण मजदूरी के लिए गांव से बाहर जाने को मजबूर

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अशोकनगर, स्वदेश शर्मा। कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्र में मजदूरों को मजदूरी मिल सके इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा रोजगार गारंटी योजना ( Rozgar Guarantee Yojana) के तहत राशी भेजी जा रही है। लेकिन अधिकारियों की अनदेखी के चलते किस तरह मनरेगा (MGNREGA) में मशीनों का उपयोग किया जा रहा है, इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि ब्लॉक मुख्यालय से मात्र चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित साजनमऊ ग्राम पंचायत रोजगार सहायक की मनमानी से मनरेगा में धड़ल्ले से मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। जिसके चलते ग्रामीण मजदूरी के लिये गांव से बाहर जाने को मजबूर है।

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रोजगार सहायक पर गंभीर आरोप

ग्राम पंचायत साजनमऊ खुर्द निवासी अनरथ आदिवासी ने रोजगार सहायक पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इन्होंने कहा था कि आपको पचास हजार रुपये देंगे आप तालाब खोद लेने दो। लेकिन आज तक उसको एक पैसा भी नहीं दिया गया और बुजुर्ग की निजी जमीन पर तालाब भी बना दिया।

कुछ ही दूरी में बना दिए दो तालाब

साजनमऊ खुर्द गांव में पास ही पास दो तालाब जेसीबी की मदद से रातों रात बना दिये गए। जबकि ब्लॉक का सबसे बड़ा तालाब भी साजनमऊ गांव में ही बना हुआ है। फिर इन सांकेतिक तालाबों को बनाने का क्या औचित्य था। जिससे यही समझ आता है कि यह तालाब बनाकर रोजगार सहायक व अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते शासन की राशि का दुरुपयोग किया गया है।

वहीं जिला पंचायत सीईओ व्हीएस जाटव से इस सम्बंध में पूछा गया तो उनका कहना था कि यदि इस तरह का मामला है तो अभी अधिकारियों को निर्देशित कर मौके पर जाकर जांच करने के कहता हूं। जांच में जो सामने आएगा उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

 


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Prashant Chourdia

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