दरअसल, जगन्नाथ ने पत्र में लिखा था कि, अशोकनगर जिले की सभी तहसीलों और छोटे कस्बों में विगत कई महीनों से राजनेताओं और प्रशासन के संरक्षण में जुए और सट्टे का कारोबार लगातार चल रहा है। जुए के फड़ संचालकों के द्वारा मोटी रकम प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं तक पहुंचाई जा रही है। इन गतिविधियों के चलते युवा पीढ़ी बर्बाद होकर अपराध की ओर अग्रसर हो रही है। जुए में अपना सब कुछ गंवाने के कारण कई घर बर्बाद हो गए हैं और कई युवाओं द्वारा आत्महत्या की जा रही है। रघुवंशी ने अपने पत्र में इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के साथ-साथ इसमें लिप्त अधिकारियों की आर्थिक स्थिति और आपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देने की जांच किसी स्वतंत्र इकाई से कराने की मांग की थी।
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इस पत्र के जवाब में एसपी रघुवंश कुमार सिंह ने बाकायदा एक प्रेस नोट जारी कर दिया और इस प्रेस नोट में बताया कि 2022 में जुआ एक्ट के तहत 126 प्रकरणों में 556 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और 7 लाख रू से ज्यादा रुपए की राशि जप्त की गई है। वही सट्टा एक्ट के 256 प्रकरणों में 266 आरोपियों पर कार्रवाई कर डेढ़ लाख रुपए की राशि जप्त की गई है और दो सटोरियों के खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई भी हुई है। एसपी रघुवंश कुमार सिंह ने लिखा है कि कुछ व्यक्तियों द्वारा उनके हित सिद्ध न होने, किसी के स्थानांतरण की मांग पूरी ना होने, गनमैन की मांग पूरी न होने और पुलिस प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बनाने के लिए जुआ सट्टा चलने के निराधार आरोप लगाए गए हैं जो राजनीतिक हो सकते हैं। आरोप लगाने वाले व्यक्ति द्वारा जुआ सट्टा चलने के संबंध में कोई सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई इस बारे में कोई सूचना आएगी तो पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी। इस पत्र से अब जिला पंचायत अध्यक्ष और एसपी रघुवंश कुमार सिंह के बीच तनातनी और बढ़ने के आसार हैं।
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