महिला सीएमओ के साथ सब इंजीनियर व्यापारी ने की अभद्रता, पढ़ें पूरी खबर

Atul Saxena
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अशोक नगर, हितेंद्र बुधौलिया। शहर में स्वछता सर्वेक्षण के तहत निरीक्षण पर निकली महिला सीएमओ के साथ सब इंजीनियर ने अभद्रता कर दी, सब इंजीनियर अपनी दुकान पर व्यापार कर रहा था।  जब गन्दगी और नाली पर अतिक्रमण को देखकर सीएमओ प्रियंका सिंह ने नाराजगी जाहिर की और चलानी कार्रवाई की बात कही तो सब इंजीनियर राजेश सिंघई भड़क गए और उन्होंने सीएसओ सहित नगर पालिका स्टाफ के साथ अभद्रता की। सीएमओ ने इसकी शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों से करने की बात कही है।

अशोक नगर में नगर पालिका पिछले कुछ दिनों से मुनादी करवा रही है कि अपने आसपास सफाई रखें अतिक्रमण को खुद हटा लें, चूँकि प्रदेश में इस समय स्वच्छता सर्वेक्षण का काम चल रहा है, इसी क्रम में सीएमओ प्रियंका सिंह आज शहर के निरीक्षण पर निकली। बाजार में दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा था एवं नालियों  में कचरा भर रखा था, इस पर सीएमओ भड़क गईं एवं उन पर चालानी कार्रवाई शुरू कर दी।

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इसी दौरान एक बर्तन की दुकान पर नाली के ऊपर सामान रखा हुआ था। उसका चालान बनाया तो व्यापारी ने न केवल चालान देने से मना किया बल्कि नगरपालिका कर्मचारियों के साथ अभद्रता कर दी। बाद में उसने बताया कि वह सरकारी कर्मचारी है, जल संसाधन विभाग में सब इंजीनियर है। नगर पालिका सीएमओ का कहना है कि जिस विभाग का कर्मचारी है, उसके अधिकारियों को लिखा जाएगा कि दफ्तर के समय में यह दुकानदारी कर रहा है, साथ ही उसन सरकारी काम में बाधा उत्पन्न की हैं।

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इस कार्यवाही के दौरान नगर पालिका की टीम ने 21 हजार रुपये के चालान बनाये। सीएमओ ने दुकानदारों से दूकान के बाहर डस्टबिन रखने के निर्देश भी दिए। उधर शहर को साफ साफ स्वच्छ एवं अतिक्रमण मुक्त रखने की नगर पालिका की मुहिम स्थानीय भाजपा नेताओं को रास नहीं आई है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष नीरज मनोरिया ने इस कार्रवाई का विरोध किया है। उनका कहना है कि कोरोना संकट के 2 साल बाद इस समय बाजार चल रहे हैं, ऐसे में प्रशासन को यह कार्रवाई नहीं करनी चाहिए।  उनका कहना है कि सड़कें ख़राब हैं, स्ट्रीट लाइट नहीं जलती। नगरपालिका पहले अपनी यह व्यवस्थाएं दुरुस्त करें तब कहीं जाकर अतिक्रमण हटाए।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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