ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) ने 07 ऐसे शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है जो एक ज्वैलरी शॉप एवं एटीएम पर डकैती डालने की योजना बना रहे थे। बदमाशों की गैंग में अलग अलग राज्यों के अपराधी शामिल हैं। बदमाशों के कब्जे से जिन्दा राउंड के साथ हथियार, कार, मोटर साइकिल, गैस कटर, स्प्रे, गैस सिलेंडर सहित अन्य कई सामान बरामद हुआ है।
एडिशनल एसपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने बताया कि एसएसपी अमित सांघी (Gwalior SSP Amit Sanghi) को सूचना मिली थी कि कुछ शातिर बदमाश मुरार थाना (Gwalior News) क्षेत्र में बालाजी मंदिर के पास हथियारों के साथ मौजूद हैं और कोई बड़ी घटना कर सकते हैं। सूचना मिलते ही एसएसपी ने एक्शन के निर्देश दिए।
आदेश मिलते ही सीएसपी मुरार रत्नेश तोमर और डीएसपी क्राइम विजय भदौरिया को मुरार थाने की टीम के साथ कार्यवाही के निर्देश दिए। दोनों अधिकारियों ने क्राइम ब्रांच थाना प्रभारी दामोदर गुप्ता और मुरार थाना प्रभारी शैलेन्द्र भार्गव की पुलिस फ़ोर्स के साथ बालाजी मंदिर पर खेत में दबिश दी।
पुलिस को खेत में सफ़ेद स्विफ्ट डिजायर कार में और मोटरसाइकिल पर 07 बदमाश दिखाई दिए। पुलिस को देखते ही उन्होंने भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। पूछताछ में बदमाशों ने खुरैरी में एक सुनार की दुकान पर डकैती और उसी के पास एक एटीएम में लूट को प्लानिंग की जानकारी पुलिस को दी।
पुलिस ने जब बदमाशों की तलाशी ली तो उनके पास से 315 बोर के 02 कट्टे 02 दो जिन्दा राउंड के साथ मिले , पुलिस ने जब कार की तलाशी ली तो उसमें चाकू, गैस कटर, दो रबर पाईप, एक नोजल व एक पेचकस पाना तथा एक-एक स्प्रे, एक छोटा गैस सिलेंडर मिले। पुलिस ने कार, मोटरसाइकिल, हथियार और अन्य सामान जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके खिलाफ मुरार थाने में प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया। एडिशनल एसपी ने बताया गिरफ्तार बदमाशों में चार पलवल (हरियाणा) के, एक धौलपुर (राजस्थान) का, एक मुरैना और एक ग्वालियर का है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....