पंचायत भवनों पर दबंगों का तो कम्प्यूटर व अन्य सामग्री पर रोजगार सहायक और सरपंचों का कब्जा,

मुंगावलीः, स्वदेश शर्मा| पंचायत विभाग द्वारा सभी पंचायतोें को इस उद्देश्य से की ग्रामीणों को गांव में ही शासन की योजनाओं की जानकारी व अन्य सामग्री दी जा सके इसको ध्यान में रखते हुये सभी ग्राम पंचायतों को ई-पंचायत का दर्जा दिया गया है और इसके लिये शासन स्तर से सभी पंचायतों में लाखों रूपयें के कम्प्यूटर के अलावा अन्य कीमती सामग्री पंचायतों में भेजी गई थी लेकिन देखा जाये तो शासन की मंशा पर जिले से लेकर पंचायत स्तर के कर्मचारी कुठाराघात करने में लगें हैं और आज एक दो ग्राम पंचायतों को छोड दिया जाये तो अधिकांश पंचायतों से यह सामग्री गायब नजर आ रही है। लेकिन इस ओर जिम्मेदार अधिकारी कोई ध्यान देते नजर नही आ रहे हैं | जिसको देखकर यही कहा जायेगा कि जिला पंचायत व जनपद पंचायत के अधिकोरियों की मिली भगत व लापरवाही के चलते रोजगार सहायकों द्वारा न केवल शासन स्तर से भेजी गई सामग्री को खुर्द बुर्द किया जा रहा हैं बल्कि शासन की ई-पंचायत जैसी महती योजना को भी पलीता लगाया जा रहा हैं। जिसको देखकर सवाल खडा होता है कि आखिर इतने बडी मनमानी के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी मौन क्यों हैं।

पंचायत भवनों पर दबंगों का कब्जाः-
पंचायतों के भवनों को सुरक्षित रखने के प्रति पंचायत सचिव से लेकर जनपद व जिला पंचायत के अधिकारी कितने सजग हैं उसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता हैं कि ब्लॉक की कई पंचायतों के भवनों पर दबंगों का कब्जा हैं लेकिन इनको कब्जा से मुक्त कराने के लिये अधिकारी व कर्मचारी कोई कार्रवाई करते दिखाई नही दे रहे हैं। पंचायतों की वास्तविकता को देखने जब अटल स्वर बिचार की टीम पहुंची तो इकोदिया में नवीन पंचायत भवन किसी की निजी जमीन में बनता नजर आया और लंबे समय से अधूरा पडा हैं, तो अशोकनगर जाने वाले मुख्य मार्ग पर पडने वाली गुपलिया के ग्राम पंचायत भवन पर दबंगों का कब्जा है और इस भवन को न केवल तार फेंसिंग के अंदर किया हैं बल्कि अंदर से गेट बंद करके उपयोग किया जाता हैं और आगे कंडे बनाये जा रहे हैं। टीटोर की बात करें तो यहॉ के पंचायत भवन भी पास के मकान मालिक की देखरेख में रहता हैं और 24 घण्टें खुला रहता हैं यहॉं फर्नीचर टूटा पडा हैं अंदर सांप की काचली तक पडी हुई हैं। तो सांसद केपी यादव की पंचायत रूसल्ला के पंचायत भवन में भी किसी के गेहू व धान भरी हुई हैं। इनके अलावा भी क्षेत्र के कई अन्य पंचायतों में ऐसी ही स्थिति हैं पर न जाने क्यों अधिकारियों की नजर पंचायत भवनों पर होने वाले कब्जा पर नही जाती हैं।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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