सावधान : नकली दूध, घी, मावे के बीच सक्रिय हुआ नकली रेत माफिया

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) भले ही माफिया (Mafia)पर नकेल कस रहे हो लेकिन बेखौफ माफिया अपना कारोबार कर रहा है। चौंकाने वाली बात ये है कि तमाम तरह के माफिया के बीच अब नकली रेत माफिया (Fake sand mafia) भी सक्रिय हो गया है। बताया जा रहा है कि नकली रेत को बड़े पैमाना पर सरकारी निर्माणों में इस्तेमाल किया जा रहा है।

नकली दूध, नकली घी, नकली मावा, नकली सीमेंट आदि के लिए बदनाम ग्वालियर चंबल संभाग ( Gwalior Chambal Division) में अब नकली रेत माफिया भी सक्रिय हो गया है। ये रेत माफिया जमीन से मिट्टी और मुरम निकालकर उसे रेत की शक्ल दे रहे हैं और बड़े पैमाने पर इसे खपा रहे हैं। नकली रेत के बढ़ते कारोबार का असर अब असली रेत का वैध कारोबार करने वाले ठेकेदारों पर हो रहा है। अंचल के बड़े रेत कारोबारी आशुतोष माहेश्वरी ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि ग्वालियर के घाटीगांव क्षेत्र में चैत, जखा सहित आसपास के अन्य गांव में मिट्टी और मुरम से नकली रेत बनाई जा रही है। उन्होंने दावा किया कि नकली रेत का इस्तेमाल अधिकांश सरकारी इमारतों के निर्माण में किया जा रहा है। जो उस बिल्डिंग के लिए खतरा है क्योंकि नकली रेत के प्रयोग के कारण ये मजबूत नहीं हो सकती और कभी भी गिर सकती है। आशुतोष माहेश्वरी ने कहा कि नकली रेत माफिया का असर उन जैसे वैध रेत कारोबारियों पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत उन्होंने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से की है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....