Bageshwar Dham : नरोत्तम ने किसकी ओर किया इशारा, गधे और कुत्ते से की तुलना

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Bageshwar Dham : बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र शास्त्री किसी ना किसी बात को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। कुछ दिन पहले ही बागेश्वर धाम में हुई धक्का-मुक्की की खबर सामने आने के बाद काफी ज्यादा विवाद खड़ा हो गया था। जिसके चलते वह भी काफी चर्चाओं में रहे। ऐसे में अब एक बार फिर उनकी कथा के समय का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें एक व्यक्ति ने संत धीरेंद्र शास्त्री से यह सवाल पूछा हुआ नजर आ रहा है कि विधर्मियों को हमारी कथा पसंद क्यों नहीं आती है। इस सवाल के जवाब में संत धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि इसका जवाब में क्या दू हमारे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही दे चुके हैं।

गधे और कुत्ते से की तुलना – 

गृहमंत्री ने कहा था कि एक हमारा शास्त्र ही एक ऐसा शास्त्र है, हनुमत कथा हो या भगवत कथा हो आप किसी फिल्म के गाने को चार बार या दस बार से ज्यादा नहीं सुन सकते, किसी फिल्म के डायलॉग को या किसी नेता के भाषण को भी ज्यादा नहीं सुन सकते लेकिन ये हनुमत कथा और ये भगवत कथा मेरे पर दादा भी सुन रहे थे और अब मेरा बेटा भी सुन रहा है इसको हर बार सुनने में वो आनंद आता है जो और किसी में नहीं आता।

इसको सुनने से आत्मा आनंद से भरपूर हो जाती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो इसमें भी मीन मेत निकालते है। समाज के अंदर ऐसे लोग है जो अमृत वाणी क्या अमृत ही हजम नहीं होता है। गृह मंत्री ने आगे कहते हुए बताया है कि हमारे यहां चार चीज ऐसी है जिसे अमृत बताया गया है। इसमें सबसे पहले शहद आता है। विज्ञान में भी इसे अमृत बताया गया है लेकिन अगर इसे कुत्ता भी चाट ले तो मर जाता है।

वहीं देसी घी को हमारे यहां आयुर्वेद में और विज्ञान में भी अमृत बताया गया है लेकिन मक्खी अगर उस पर बैठकर उसको खाती है तो मक्खी मर जाती है। इसके अलावा जो हमारे यहां औषधि मिश्री होती है, यह मिश्री हमारे यहां औषधि में काम आती है और आयुर्वेद में और विज्ञान में भी इसको औषधि बताया गया है, अमृत बताया गया है लेकिन गधा अगर इसे खा ले तो मर जाता है।

इसी तरह से हमारे यहां नीम को हकीम बताया गया है। कौवा नीम के पेड़ पर ही रहता है। लेकिन नीम की अगर निबोरी खा ले तो कौवा मर जाता है। अब यह चारों चीज है तो अमृत लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं जिनको हजम नहीं होती है। ऐसा ही संतों और महंतों के प्रवचन सुन कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें यह हजम नहीं होता।


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Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं।मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।

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