बाघ की खाल से करना चाहते थे रूपयो की बारिश, 8 आरोपी गिरफ्तार

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Balaghat Tiger Skin Seized : वन्यप्राणियों के नाखून, खाल और बाल से रूपयो की बारिश होने के अंधविश्वास के कई मामले पूर्व में भी जिले में सामने आते रहे है। जिसके चलते वन्यप्राणियों के शिकार की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। नया मामला भी रूपयों की बारिश से ही जुड़ा है, जिसमें आरोपी बाघ की खाल के साथ रूपयो की बारिश कर पाते, इससे पूर्व ही वनविभाग की टीम ने उन्हे दबोच लिया।

आरोपी गिरफ्तार 
घटना 25 दिसंबर की अलसुबह की है, जब लगभग 2 से ढाई बजे के बीच लालबर्रा थाना अंतर्गत सिहोरा में तीन आरोपियों को पुलिस ने ढाबे से संदेह के आधार पर पकड़ा। जिसके बाद बाघ की खाल में संलिप्त अन्य 5 आरोपियो को और गिरफ्तार किया है। बताया जाता है कि इस मामले में एक और आरोपी फरार है। फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के पास से बाघ की खाल सहित दो मोटर सायकिल बरामद की है। जिसमें वनविभाग इस पूरे मामले की कड़ी दर कड़ी जोड़ने और बाघ के शिकार से जुड़ी जानकारी जुटाने में जुटी है।

ऐसे मिला सुराग 
बताया जाता है कि सीसीएफ के मार्गदर्शन में उड़नदस्ते की टीम ने लालबर्रा एवं कंजई के बीच ढाबे के पास कल रात संदेही 3 लोगो संजीत पुसाम, बुधराम पुसाम और दलपत उईके को पकड़ा। जिनसे पूछताछ में उन्होंने बाघ की खाल को लेकर जानकारी दी। जिनकी जानकारी के आधार पर वनविभाग की टीम ने अन्य आरोपियों को पकड़ा है।
वनविभाग ने आरोपियों मंडला जिला अंतर्गत नैनपुर थाना के तेलई निवासी 40 वर्षीय बुधराम पिता नोहर पुसाम, जैदपुर निवासी 50 वर्षीय धनेश पिता राखी पंद्रे, ककईया निवासी 45 वर्षीय चमरसिंह पिता जिनाराम कुशराम, सुरखी निवासी 27 वर्षीय हेमराज पिता अमरसिंह टेकाम, गुनेगांव निवासी 28 वर्षीय संजीत पिता चमरसिंह कुशराम, माली मोहगांव निवासी 28 वर्षीय दलपत पिता धीरसिंह उईके, मानिकपुर निवासी 30 वर्षीय चरण पिता गिरान मरावी और गुनेगांव निवासी 45 वर्षीय नैनसिंह पिता जीनाराम कुसराम के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया है।

परिक्षेत्र अधिकारी यशपाल मेहरा ने बताया कि मामले में सभी आरोपियों को माननीय न्यायालय में पेश किया गया था। जिसमें 5 आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भिजवा दिया गया है। शेष तीन आरोपियों को 3 दिन की रिमांड में लिया गया है। जिनसे बाघ के शिकार से संबंधित जानकारी को लेकर पूछताछ की जायेगी।

बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट 


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Harpreet Kaur

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