Singrauli News : बंद कमरे में कोयले की सिगड़ी जलाकर सो गए थे दो युवक, दम घुटने से हुई दोनों की मौत

पोस्टमार्टम में भी इस बात की पुष्टि हुई है। पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।

Amit Sengar
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Singrauli News : मध्य प्रदेश की उर्जाधानी सिंगरौली जिले से एक बड़ी खबर आ रही है जहाँ बरगवां थाना क्षेत्र में संचालित एक ढाबे में दो नाबालिग कर्मचारी के शव आज सुबह ढाबे की पहली मंजिल पर बने एक कमरे में मिले हैं। दोनों नाबालिग आदिवासी बैगा परिवार से आते हैं और वह इस ढाबे में काम करते थे। बरगवां थाना पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।

थाना प्रभारी शिवपूजन मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि बरगवां थाना क्षेत्र के नेशनल हाईवे में गोंदवाली गांव के पास बने केजीएफ फैमिली रेस्टोरेंट के दो कर्मचारी मिथुन बैगा और बबुंदर बैगा इस ढाबे पर काम करके रात में खाना खाकर ढाबे के ऊपर छत पर बने सर्वेट क्वार्टर में जाकर सो गए।आज सुबह 8 बजे जब होटल खोलने के लिए इन्हें आवाज देकर बुलाया गया तो मगर यह दोनों नहीं आये। तब ढाबा के मालिक मानसिंह वैस को लगा की यह दोनों क्यों नहीं आए जब ऊपर जाकर उनके कमरे में देखा तो यह दोनों उल्टे मुंह जमीन पर लेटे हुए थे। शंका होने पर होटल के मालिक ने तुरंत ही पुलिस को सूचना दी। सूचना के आधार पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल की जांच की है।

दम घुटने से हुई दोनों की मौत

इस संबंध में पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने बताया कि थाना प्रभारी ने बताया कि घटनास्थल देखकर ऐसा लगता है जैसे दम घुटने से दोनों की ही मौत हुई है। उन्होने कहा कि उक्त दोनों के द्वारा रात में कोयले की सिगड़ी जलाकर कमरे में रखी गयी थी जिससे निकलने वाली कार्बन मोनोआक्साइड से उक्त दोनों व्यक्तियों की मौत हुई है। उन्होने बताया कि पोस्टमार्टम में भी इस बात की पुष्टि हुई है। उन्होने बताया कि श्रम विभाग द्वारा भी इस बात की जांच की जा रही है।

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

कांग्रेस नेता और जिला पंचायत सदस्य अशोक सिंह पैगाम भी मृतक के परिजनों से मिलने पहुंचे थे और उन्होंने जिले की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। आगे कहना है कि जिले में अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है और पुलिस प्रशासन इस पर अंकुश नहीं लग पा रही है।
सिंगरौली से राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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