पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए झामसिह धुर्वे के परिवार से मिलने पहुंचे आयुष मंत्री कावरे,दिए मामले में जांच निर्देश

Gaurav Sharma
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बालाघाट, सुनील कोरे। 6 सितंबर को बालाघाट के गढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत बसपहरा के जंगल में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के झलमला थाना अंतर्गत बालसमुंद निवासी ग्रामीण लगभग 50 वर्षीय झामसिह धुर्वे की मौत हो गई थी। जिसको लेकर सर्व आदिवासी समाज ने विगत दिनों गढ़ी मुख्यालय में बड़ी बैठक कर पुलिस एवं नक्सली मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए छत्तीसगढ़ सीमा में प्रवेश कर बेकसूर आदिवासी ग्रामीण झामसिंह धुर्वे की हत्या किये जाने का आरोप लगया था। साथ ही मामले में सीबीआई की जांच कराने की मांग की थी।

पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए झामसिह धुर्वे के परिवार से मिलने पहुंचे आयुष मंत्री कावरे,दिए मामले में जांच निर्देश

वहीं मृतक परिवार को एक करोड़ रूपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिये जाने और सर्चिंग पार्टी के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज किये जाने की मांग की थी। जिसके बाद जिला प्रशासन ने जहां मामले की जांच के लिए मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए है। वहीं घटना के एक सप्ताह बाद मृतक झामसिंह धुर्वे के परिजनों से मिलने सोमवार को मध्य प्रदेश शासन के आयुष एवं जल संसाधन मंत्री रामकिशोर कावरे ग्राम देवगांव पहुंचे, जहां उन्होंने मृतक झामसिंह धुर्वे के परिवार को तात्कालिक सहायता के रूप में एक लाख रूपये का चेक प्रदान किया ओर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भरोसा दिलाया।

उल्‍लेखनीय है कि विगत 6 सितंबर को यह मुठभेड़ हुई थी। पुलिस ने 7 सितंबर को घटना स्थल बसपहरा के जंगल से झामसिंह धुर्वे की लाश बरामद की थी। झामसिह की मौत पुलिस या नक्सलियों के गोली से हुई है अभी तक स्पष्ट नहीं है। इस मामले की मजिस्ट्रेट जांच हो रही हैं। दूसरी ओर इस मामले में परिवार एवं आदिवासी समाज में नाराजगी है और वह नौकरी और एक करोड़ के राशि मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे है। इसी के चलते प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री जल संसाधन मंत्री रामकिशोर कावरे पीड़ित परिवार से मिलने के लिए उनके गांव देवगांव पहुंचे थे।

पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में मारे गए झामसिह धुर्वे के परिवार से मिलने पहुंचे आयुष मंत्री कावरे,दिए मामले में जांच निर्देश

मंत्री कावरे ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश देते हुए मामले में पीड़ित पक्ष को शासन स्तर से और भी मदद दिलाने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि घटनाक्रम में जो भी तथ्य है, उसमें जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। आगे उन्होंने  कहा कि पीड़ित परिवार से मंत्री नहीं बल्कि प्रदेश की सरकार मिलने पहुंची थी और हमारा प्रयास है कि इस पीड़ित परिवार को न्याय मिले और इसी के चलते उन्होंने ग्रामीणों सहित समाज की जो भी चिंता या शिकायत है उसके निराकरण के लिए भी एसपी एवं कलेक्टर को दिशा निर्देश दिए गए हैं।

इस दौरान पूर्व विधायक रमेश भटेरे, भगत सिंह नेताम, मौसम हरिनखेड़े, कलेक्टर दीपक आर्य, पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, अपर कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए, जिला पंचायत सीईओ उमा महेश्वरी, एसडीएम गुरु प्रसाद सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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