Balaghat : फर्जी मार्कशीट से बने ग्रामीण डाक सेवक, पुलिस ने दर्ज किया मामला, चार आरोपी गिरफ्तार

Amit Sengar
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बालाघाट,सुनील कोरे। फर्जी मार्कशीट (fake marksheet) और जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी किये जाने के मामले पहले भी सामने आते रहे है लेकिन ताजा मामला डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक डाकपाल की फर्जी मार्कशीट से नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। जिसमें सभी आरोपी बिहार के रहने वाले है, जिन्होंने फर्जी मार्कशीट से बालाघाट डाक संभाग द्वारा निकाली गई ग्रामीण डाकसेवक डाकपाल के रूप में नौकरी हासिल की। जब उनके द्वारा प्रस्तुत की गई अंकसूची का सत्यापन किया गया, तब पता चला कि नौकरी के लिए आवेदकों द्वारा पेश की गई मार्कशीट फर्जी है। जिसके बाद बालाघाट डाकसंभाग के दौरा में बतौर सहायक अधीक्षक अनिल शर्मा ने इसकी शिकायत कोतवाली में की।

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जिसमें कोतवाली पुलिस ने दसवीं की फर्जी मार्कशीट के आधार पर बिहार पटना के नदावाबाढ़ पोस्ट अंतर्गत डुमनिया निवासी चंदनकुमार पिता रामयतनसिंह यादव, बिहार नालंदा के थरथरीडीह निवासी शिवशंकर कुमार पिता भीम यादव, बिहार सीवान के असाव निवासी रंजित पिता कैलाश पारित, रोहित कुमार पिता अमरेश यादव और राजस्थान करौली के कुडगांव निवासी मनीष कुमार पिता मंटूलाल मीना के खिलाफ धारा 468, 471 एवं 120 बी के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है। जिसमें पुलिस ने चार आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि एक फरार है।

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बालाघाट संभाग में निकली थी 593 भर्ती
विगत समय में बालाघाट डाक संभाग अंतर्गत डाकपाल और सहायक डाकपाल के 593 पदो पर भर्ती निकली थी। जिसमें ऑनलाईन आवेदन जमा किये गये थे। जिसमें शैक्षणिक योग्यता 10 वीं रखी गई थी। ऑनलाईन आवेदन के माध्यम से चंदन कुमार यादव, शिवशंकर यादव, रंजीत परित, मनीष कुमार मीना और रोहित कुमार यादव द्वारा आवेदन जमा किये गये थे। जिसमें पांचो द्वारा जमा की गई 10 वीं की मार्कशीट में किसी के तमिलनाडु तो किसी ने नई दिल्ली बोर्ड की अंकसूची लगाई थी। जिसका सत्यापन संबंधित बोर्ड से किये जाने पर जानकारी मिली कि आवेदकों द्वारा नौकरी के लिए लगाई गई अंकसूची फर्जी है। जिसके आधार पर बालाघाट डाक संभाग दौरा में पदस्थ सहायक अधीक्षक अनिल शर्मा ने इसकी लिखित शिकायत कोतवाली थाने में की। जिसमें पुलिस ने सभी पांचो आरोपियों के खिलाफ अपराधिक धाराओ में अपराध पंजीबद्व किया है।

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जानकारी अनुसार सभी आवेदको को ग्रामीण डाक सेवक डाकपाल के पद पर अलग-अलग पदस्थापना हुई थी। जिसमें तीन आवेदकों की बालाघट जिले और एक की कान्हीवाड़ा एवं एक की लखनादौन में पदस्थापना हुई थी। लखनादौन के गणेशगंज में रोहित कुमार यादव की पदस्थापना हुई थी। जिसने पदभार ग्रहण नहीं किया था। जबकि मनीष कुमार मीना की कान्हीवाड़ा के छुई, चंदन यादव की बिरसा के अजगरा, शिवशंकर यादव की लांजी के अमेड़ा और रंजीत परित की किरनापुर के अकोला डाकघर में पदस्थापना होने पर उन्हें कार्यभार ग्रहण कर लिया था और तनख भी ले ली है। जिनके अंकसूची सत्यापन के फर्जी पाये जाने के तत्काल बाद विभाग ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया था।

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सहायक अधीक्षक अनिल शर्मा ने बताया कि बालाघाट डाक संभाग में 593 डाकपाल और सहायक डाकपाल के पदो पर भर्ती निकली थी। जिसमें ऑनलाईन आवेदन, आवेदकों द्वारा भरे गये थे। जिसमें पांच आवेदकों की अंकसूची सत्यापन में वह फर्जी पाये जाने पर इसकी लिखित शिकायत कोतवाली में की गईं। जिसमें पुलिस ने अपराध दर्ज किया है। अभी और कई आवेदकों के कागजों का सत्यापन होना है, जिससे यह संख्या और भी बढ़ सकती है।

सीएसपी अंजुल अयंक मिश्रा ने बताया कि फर्जी मार्कशीट के आधार पर डाक विभाग में नौकरी करने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिसमें एक फरार है। जिसकी भी तलाश की जा रही है। इस मामले में और भी आरोपी हो सकते है, पुलिस और डाक विभाग इसकी जांच कर रहा है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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