Balaghat News : खुले में रखे डेढ़ लाख क्विंटल धान पर बेमौसम बारिश का खतरा, पढ़े पूरी खबर

Amit Sengar
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Balaghat Threat To Paddy News : मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में 4 दिसंबर को साल की पहली कड़कड़ाती ठंड में बारिश ने खुले में पड़े लगभग डेढ़ से दो लाख क्विंटल धान पर खतरा पैदा कर दिया है। सूत्रों की मानें तो वारासिवनी और लालबर्रा को छोड़कर कटंगी, बैहर, बिरसा, परसवाड़ा और लांजी क्षेत्र में धान का उठाव ज्यादा नहीं होने से लाखो क्विंटल धान खुले में पड़ी थी। जिस पर बारिश से खतरा पैदा हो गया हैं। हालांकि बदले मौसम के बाद तिरपाल ढांककर समिति ने उसे सुरक्षित कर दिया है, लेकिन फिर भी बारिश का पानी और नमी जमीन पर रखे धान को खराब कर सकती है।

यह है मामला

ज्ञातव्य है कि वहीं 5 दिसंबर बुधवार को एकाएक बारिश के चलते धान खरीदी भी प्रभावित रही। बिरसा केन्द्र में बारदाने की कमी से धान खरीदी बंद रही। वहीं बारिश के कारण समिति द्वारा खरीदे गये धान के साथ ही किसानों द्वारा बिक्री के लिए लाया गया धान भी प्रभावित हुआ है, जिससे किसानों को एक बार फिर धान को फिर से विक्रय के लिए तैयार करना पड़ेगा।

जानकारों की मानें तो मौसम परिवर्तन के कारण बुधवार को जहां पूरे दिन बादल छाये रहे। वहीं दोपहर 3 बजे के बाद बारिश होने से मौसम में ठंडकता बढ़ गई है, जो आगामी कुछ दिनो तक जारी रहेगी।

Balaghat News : खुले में रखे डेढ़ लाख क्विंटल धान पर बेमौसम बारिश का खतरा, पढ़े पूरी खबर

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के सीईओ आर.सी. पटले का कहना है कि आज मैने बिरसा केन्द्र का निरीक्षण किया हैं। खुले में पड़े समिति की क्रय की गई धान और किसानों की धान को सुरक्षित रखने के निर्देश दिये है। जिले में लगभग डेढ़ लाख क्विंटल धान खुले में पड़ी है। सभी को निर्देश दिये गये है कि वह धान को सुरक्षित रखे। बिरसा केन्द्र में बारदाने की कमी से खरीदी बंद है, जिसकी व्यवस्था के निर्देश दिये गये है। वहीं किसानों से भी अपील है कि वह अपनी धान सुरक्षित रखे, बिना एफएक्यु मापदंड के धान की खरीदी नहीं की जायेगी। जिन किसानांे के भी स्लॉट बुक है। उनके धान की एफएक्यु मापदंड पर ही खरीदी की जाये।
बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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