Balaghat News : भारी विरोध के बीच वनवासी रामकथा करने पहुंचे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेन्द्र शास्त्री

Amit Sengar
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Balaghat News : भगवान सहस्त्रबाहु के खिलाफ कथित अपमानजक टिप्पणी और आदिवासियों को जंगल के आदिवासी एवं वनवासी कहे जाने पर पं. धीरेन्द्र शास्त्री के जिले में भारी विरोध के बीच बागेश्वर धाम पीठाधीश पं. धीरेन्द्र शास्त्री 23 मई को प्रातः 5.30 बजे विशेष वाहन से बालाघाट पहुंचे। यहां उनकी आगवानी आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे ने की। बागेश्वर धाम पीठाधीश पं. धीरेन्द्र शास्त्री आयुष मंत्री के गृहनिवास बघोली पहुंचे। जहां उनका आत्मीय स्वागत किया गया।

यहां से वे परसवाड़ा के भादुकोटा में आयोजित वनवासी रामकथा स्थल पहुंचेंगे। जहां 6 बजे से वह वनवासी रामकथा का वाचन कर लाखों भक्तों को धर्मज्ञान देंगे। गौरतलब हो कि विगत एक माह से ज्यादा समय से जिले में बागेश्वर धाम महाराज पं. धीरेन्द्र शास्त्री के आगमन को लेकर तैयारियां की जा रही थी। भादुकोटा में आयोजित वनवासी रामकथा आयोजन में लगभग 5 लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। यही नहीं बल्कि कार्यक्रम को पूरी तरह से व्यवस्थित बनाने के लिए आयोजन स्थल से लगभग दो से ढाई किलोमीटर पर ही वाहनों को पार्किंग में रोक दिया जायेगा। चूंकि शाम 6 बजे से वनवासी रामकथा का आयोजन होना है, इसलिए आयोजन स्थल भादुकोटा में बिजली की रोशनी से लेकर सभी माकूल व्यवस्था की गई है।

भगवान सहस्त्रबाहु पर टिप्पणी से कलार समाज कर रहा था विरोध

विवादित बयानों को लेकर सुर्खियो में रहने वाले पं. धीरेन्द्र शास्त्री ने विगत दिनो में कलार समाज के आराध्य भगवान सहस्त्रबाहु को लेकर भी टिप्पणी की थी। जिस पर कलार समाज आंदोलित था। बालाघाट में एक, दो नहीं बल्कि तीन से चार बार कलार समाज ने सड़क पर उतरकर आंदोलन किया। विरोध के चलते गत दिनों किये गये प्रदर्शन के दौरान कलार समाज ने उनके फ्लेक्स तक में आग लगा दी थी।

वनवासी और जंगल के आदिवासी कहने पर आदिवासी समाज नाराज

बागेश्वर धाम महाराज पं. धीरेन्द्र शास्त्री के आदिवासियों को वनवासी और जंगल में रहने वाले आदिवासी कहे जाने से आदिवासी समाज भी इनके विरोध में खड़ हो गया था। बकायदा परसवाड़ा में आदिवासियों ने सामाजिक बैठक कर पं. धीरेन्द्र शास्त्री का विरोध किया था। वहीं पूर्व विधायक दरबूसिह उईके ने उनके खिलाफ आदिवासियों को जंगल का आदिवासी कहे जाने पर अपराध दर्ज करने को लेकर परसवाड़ा में शिकायत भी दर्ज कराई थी।

आयुष मंत्री ने दी थी सफाई, बताया था वनवासी सेवा समिति का आयोजन

जिले में बागेश्वर धाम महाराज के आगमन से पूर्व हो रहे उनके विरोध के बीच आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे ने मीडिया से चर्चा में सफाई देते हुए कहा था कि बागेश्वर धाम सरकार द्वारा कलार समाज के आराध्य सहस्त्रबाहु को लेकर दी दिये गये बयान पर पं. धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा माफी मांग ली गई है। वहीं उन्होंने परसवाड़ा के भादुकोटा में आयोजित पं. धीरेन्द्र शास्त्री जी की वनवासी रामकथा के आयोजन को वनवासी सेवा समिति का आयोजन बताते हुए कहा था कि चूंकि क्षेत्र के प्रथम नागरिक होने के नाते वह इस कार्यक्रम में एक सेवक के रूप में यजमान की भूमिका निभा रहे है।

कोर्ट ने खारिज की याचिका

पं. धीरेन्द्र शास्त्री द्वारा आदिवासियों को अपमानित करने वाले शब्दों और 5 वीं अनुसूचित क्षेत्र में किसी अन्य धर्म के आयोजन पर रोक को लेकर आदिवासी समाज के प्रतिनिधि द्वारा माननीय न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

दिव्य दरबार लगेगा कल

बागेश्वर धाम महाराज पं. धीरेन्द्र शास्त्री आज 23 मई एवं कल 24 मई को वनवासी रामकथा का वाचन कर, लाखों की संख्या में पहुंचने वाले लोगों को भगवान श्रीराम के वनवास से मर्यादा पुरूषोत्तम बनने तक की कथा सुनायेंगे। यही नहीं बल्कि कल 24 मई को वनवासी रामकथा के बाद पं. धीरेन्द शास्त्री जी, दिव्य दरबार भी लगायेंगे, जहां वह भक्तों से सीधे संवाद कर उनकी परेशानियों और समस्याओं के निराकरण का उपाय बतायेंगें।
बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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