Balaghat News : अबूझमाड़ से नेपाल तक नक्सली बनाने चाहते है रेड कॉरिडोर

Balaghat Naxalites News : बालाघाट जिले में दशको से नक्सली समस्या से जूझ रहे बालाघाट जिले में विगत कुछ वर्षो से नक्सलियों की घुसपैठ ज्यादा महसुस की जा रही है, हालांकि पुलिस का मानना है कि नक्सलियों की संख्या नहीं बड़ी है लेकिन लगभग जंगल के निचले और ऊपरी सतह पर दो डिवीजन में 6 दलम सक्रिय है। जिसमें निचले स्तर पर मलाजखंड, टांडा और दर्रेकसा दलम एवं ऊपरी स्तर पर प्लाटून-2, प्लाटून-3 एवं खटिया मोचा दलम सक्रिय है। जिसकी लगातार मूवमेंट जिले के जंगलो में बनी है। हालांकि बालाघाट में दशको से व्याप्त नक्सली समस्या से निपटने 1990 से बालाघाट जोन में लागु नक्सली उन्मूलन के बाद से तुलनात्मक आंकड़े पर गौर करें तो वर्ष 2022 का साल बालाघाट पुलिस के लिए उपलब्धि भरा रहा है। जहां बालाघाट पुलिस ने दो डीवीसीएम स्तर के नक्सलियों के साथ 6 नक्सलियों को मार गिराने और दो एके-47 हथियार बरामद किया गया है। जो एक रिकॉर्ड है।

यह है पूरा मामला

प्रेसवार्ता में बालाघाट जोन के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने बताया था जिले में नक्सली एमएमसी जोन में विस्तार कर रहे है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती ईलाको से वह बालाघाट पहुंच रहे है। जो मध्यप्रदेश के बालाघाट, मंडला, डिंडौरी, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, खैरागढ़, कवर्धा, मुंगली होते हुए अमरकंटक को टेम्परी हेडक्वार्टर बनाने प्रयासरत है। पुलिस का यह बयान देश और प्रदेश में बढ़ती नक्सली समस्या के लिए काफी अहम माना जा रहा है। पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ की मानें तो पुलिस और नक्सलियों के बीच होने वाली मुठभेड़ के दौरान मिलने वाले दस्तावेज बताते है कि इनकी प्लानिंग अबूझमाड़ से नेपाल तक रेड कॉरीडोर बनाने की है। हालांकि नक्सली की यह प्लानिंग केवल प्लानिंग ही बनी है, जो कतई संभव नहीं होने वाली है। पुख्ता मुखबिर तंत्र की मदद से पुलिस नक्सलियों और उसके नेटवर्क को खत्म करने लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि नक्सली घने जंगलो का फायदा उठाकर एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश कर रहे है। एक सवाल के जवाब में उनका कहना है कि नक्सलियों की संख्या बढ़ नहीं रही है, वर्तमान में जानकारी अनुसार 90 से 100 के बीच नक्सली की मूवमेंट की जानकारी मिलते रहती है, जिसके आधार पर हम लगातार सर्चिंग को बढ़ा रहे है।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”