बालाघाट, सुनील कोरे। नक्सल प्रभावित बालाघाट (Balaghat) जिले में कुछ दिन पहले ही नक्सलियों (Naxalites) ने तेंदुपत्ता फड़ में आगजनी कर अपनी उपस्थिति महसुस करा रहे है। 22 मई को मलाजखंड थाना के पाथरी चौकी अंतर्गत कंदई क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा लाखों रूपये के तेंदुपत्ता को आग के हवाले कर दिया गया था। आगजनी के बाद बीते 30 मई की रात मलाजखंड दलम के लगभग 15 से 16 नक्सलियों ने किरनापुर थाना के लोडांगी चौकी अंतर्गत जोधीटोला में संग्रहित कर रखे गये तेंदुपत्ता फड़ में रखे 59 बोरा लगभग 75 हजार गढ्ढियां को आग लगा दी। जिससे तेंदुपत्ता खरीदी कर रही छत्तरपुर (Chhatarpur) की मेसर्स एस.एस. कंपनी को लगभग एक लाख 88 हजार रूपये का नुकसान पहुंचा था। और एक बार फिर तेंदुपत्ता फड़ में आगजनी की घटना को मलाजखंड दलम ने अंजाम दिया है। घटना के बाद मलाजखंड (Malanjkhand) एरिया कमेटी के नाम से नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके है। जिसमें मोदी सरकार, प्रदेश और छत्तीसगढ सरकार के गलत नीतियों का विरोध किया गया है। वहीं झामसिंह धुर्वे की कथित मुठभेड़ में मौत का मामला उठाते हुए कहा कि उसका खून बेकार नहीं जायेगा। जिसमें पुलिस ने मलाजखंड दलम के नक्सलियों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है। वहीं घटना के बाद जंगलो में नक्सलियों की तलाश के लिए सर्चिंग अभियान तेज कर दिया है।
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गोदामों में ले जाने संग्रहित कर रखा गया था तेंदुपत्ता
बताया जाता है कि तेंदुपत्ता तुड़ाई का काम लगभग-लगभग खत्म हो गया है। और तेंदुपत्ता खरीदी कर रही कंपनी तेंदुपत्ता को गढ्ढियों के रूप में एकत्रित कर बोरियों में भरकर गोदामों में ले जाने की तैयारी में है। जोधीटोला में गोदाम में ले जाने के लिए कंपनी के मैनेजर द्वारा तेंदुपत्ता संग्रहित कर बोरियो में भरकर रखा गया था। जिसे रात में आये नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया। जिसकी सूचना मैनेजर को फड़ मुंशी द्वारा दी गई।
केन्द्र, प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार पर साधा निशाना
महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ स्पेशल जोनल कमेटी के नाम से नक्सलियोें ने पर्चे फेंके है। जिसमें कहा कि संसद में बहुमत और कोरोना (Corona) के बहाने लॉकडाउन (Lockdown) का फायदा उठाकर मोदी सरकार (Modi government) एक के बाद एक जनविरोधी कानून पास कर रहे है। नक्सलियों ने कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को कॉर्पोरेट कंपनियों का गुलाम बनाने वाला कानून है। मोदी सरकार प्रचार के माध्यम से विकास की डिंगे मार रही है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि सरकार दमनात्मक रवैया अपना रही है। वहीं प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार पर पर्चे में निशान साधते हुए नक्सलियों ने कहा कि एक तरफ दुनिया और देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है तो दूसरी तरफ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य सरकारें जनता के आजीविका को नष्ट करने पर तुली है। जनता को खासकर आदिवासी जनता को जमीन से बेदखल कर विस्थापित करने की कार्यवाही जबरदस्ती की जा रही है। बालसमुंद गांव के झामसिंग धुर्वे की हत्या सरकार की आदिवासी को विस्थापित करने वाली जनविरोधी निधि का हिस्सा है।
तेंदुपत्ता तोड़ने और बिक्री का अधिकार जनता को दे
नक्सलियों ने पर्चे में कहा कि लॉकडाउन में लोगों का रोजगार चला गया है। वहीं बेतहाशा महंगाई बढ़ गई है। लेकिन तेंदुपत्ता की दर पिछली साल की तरह 250 रूपये ही है। इसलिए तेंदुपत्ता रेट प्रति सैकड़ा 300 रूपये किया जायें। और तेंदुपत्ता पर जनता को संपूर्ण हक देकर उसकी रॉयल्टी, तोड़ाई और बिक्री का संपूर्ण अधिकार जनता को दे। नक्सलियों ने पर्चे में वैश्विक महामारी कोरोना का भी जिक्र करते हुए कहा कि यह बीमारी पूंजीवादी व्यवस्था की देन है। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण खतरनाक वायरस का कहर लोगों पर बरपा है।
इनका कहना है
पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी का कहना है कि किरनापुर थाना अंतर्गत जोधीटोला में मलाजखंड दलम के नक्सलियों के समूह ने तेंदुपत्ता फड़ में आगजनी की है। जिससे तेंदुपत्ता खरीदी करने वाली कंपनी को नुकसान पहुंचा है। जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है। तेंदुपत्ता फड़ में आगजनी के बाद जंगलो में लौटे नक्सलियों की तलाश के लिए सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है।