रजेगांव बॉर्डर पर हमदर्द बनकर पुलिस अधिकारियों ने जाना मजदूरों का दर्द

बालाघाट। सुनील कोरे। कोविड-19 से निपटने किये गये लॉक डाउन में वर्दी में रहकर पुलिसकर्मियों ने न केवल लॉक डाउन का पालन करवाने में अपना पूरा सामर्थ्य लगा दिया है वहीं कई ऐसे वाक्ये भी सामने आये, जब वर्दीधारी, हमदर्द बनकर बाहर से आ रहे मजदूरों की सेवा मंे जुटे दिखाई दिये। लॉक डाउन का पालन के दौरान जहां लोगों ने पुलिस का रौब देखा तो वहीं मजबूर मजदूरों के लिए पुलिस की मानवता भी लोगों ने देखी।

बालाघाट जिले से पलायन कर प्रदेश के बाहर गये गरीब मजदूर, लॉक डाउन के बाद काम धंधे बंद होने से आ अब लौट चले की तर्ज पर अपने घरों की ओर लौट रहे है। रोजाना सैकड़ो मजदूर, बाहर प्रदेशों से विभिन्न माध्यमो से बालाघाट आ रहे है। कोई पैदल, कोई वाहन तो कोई अपने साधन से घर आ रहा है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा से लगे अंतर्राज्यीय नाके रजेगांव से प्रतिदिन मजदूरों के आने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में आज 14 मई को भी बड़ी संख्या में बाहर कमाने-खाने गये मजदूर हैदराबाद, चेन्नई, वाशिम, बैंगलोर, मुंबई, पुणे, हैदराबाद और नागपुर से पहुंचे। जिन्हें पुलिस अधिकारियों द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग के तहत जरूरत और स्वास्थ्य कीट प्रदान की गई।


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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