Balaghat News : फायरब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती लंबे अंतराल के बाद दो दिवसीय प्रवास पर 30 दिसंबर की शाम बालाघाट पहुंची। यहां सर्किट हाउस में उनका भाजपा संगठन और नेताओं ने स्वागत किया। इस दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए सुश्री उमा भारती ने ना केवल कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर कटाक्ष किया है बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माताश्री हीराबा के निधन पर शोक संवेदना भी जाहिर की। इस दौरान उन्होंने प्रदेश में शराबंदी, आरक्षण और अन्य विषयो पर भी खुलकर अपनी राय जाहिर की।
फायरब्रांड नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कहा कि वह हमेशा सोचती रहती है कि भारत टूटा कहां से। टूटा था कश्मीर, जहां से धारा 370 हटाकर उसे जोड़ दिया गया। टूटा है पीओके, पाक अधिकृत कश्मीर, राहुल गांधी पीओके तक यात्रा ले जाकर उसे जोड़ दे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को तोड़ने का काम किया है। जो तोड़ा है, उसे ही जोड़ दे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबा के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करे हुए कहा कि हीराबा, प्रधानमंत्री के लिए उर्जा का स्त्रोत थी। प्रधानमंत्री जी ने उर्जा का स्त्रोत खोया है, अब देश की करोड़ो हीराबा उन्हें ममता की छांव में रखेगी।
सरकार शराब को बांटने का काम कर रही
प्रदेश में शराबंदी को लेकर किये गये सवाल का जवाब देते हुए कहा कि शराब और नशा देश को बर्बाद कर रहा है। सरकार और समाज नशे के खिलाफ है लेकिन सरकार शराब को बांटने का काम कर रही है। सरकार शराब के वितरण प्रणाली को ठीक करने के साथ ही लोगों को जागरूक करें। साथ ही शराब के विक्रय पर नियंत्रण रखे। मसलन धार्मिक स्थलो, शिक्षालयों, मजदूर बस्ती और महिलाओं के जमावड़े से आधा किमी की दूरी पर शराब दुकान हो। सरकार राजस्व चाहती है लेकिन राजस्व तो कहीं से भी लाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शराब वितरण में खामियों को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी स्वीकार की है। मेरे हिसाब से तो धरती में शराब होना ही नहीं चाहिये।
कभी उनके साथ रहे केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को लेकर किये गये सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रहलाद मोदी को मैं नहीं जानती, मै तो केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जानती हूँ। पार्टी में उन्हें तवज्जो नहीं दिये जाने के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं किसी नेता के सर्टिफिकेट या सील से नेता नहीं बनी हुॅं, मैं गरीब आदमी के बगल में खड़ी हो जाती हुॅं और झोपड़ियो में रहने वालो ने मुझे मसीहा बनाया है। हालांकि मुझमे नेता बनने की योग्यता नहीं है। मैं स्वयं को महामूर्ख और बुद्धुचंद मानती हूँ।
मैं कोई बड़ी नेता नहीं हूँऔर ना मैं इस गुमान में रहती। ना ही मुझे कोई सराहना चाहिये और ना ही तवज्जो। मैं राजनीतिक जीवन में 11 साल केन्द्र में मंत्री रही, 6 लोकसभा चुनाव जीते है और 2 राज्यो में विधानसभा चुनाव को जिताये है लगता है वह कोई ओर उमा भारती थी। मैं सामान्य बुद्धि की, अक्ल नहीं शक्ल नहीं, बोलने का तरीका नहीं है, पर जनता जनार्दन की कृपा है। मैं जो चाहती हुॅ वह कर लेती हूँ, मां गंगा पर सोचा तो मंत्रालय बन गया। शराब पर सोचा तो शिवराज सहमत हो गये। शिवराजसिंह ने तो शराब के खिलाफ जनअभियान चलाकर रिकॉर्ड बना दिया। जिनका अभिनंदन होना चाहिये। मैं यह विनम्रता का प्रदर्शन नहीं कर रही हूँ, मुझे घमंडी मानते है लेकिन मैं निष्ठावान और दृढ़निश्चयी हुॅं जो मुझे सही लगता है, मैं मानती हूँ कि उस रास्ते को मुझे नहीं छोड़ना।
आरक्षण ना केवल शासकीय बल्कि प्रायवेट सेक्टर में भी मिलना चाहिये
आरक्षण के सवाल पर उन्होंने कहा कि गरीब स्वर्ण को भी 10 प्रतिशत का आरक्षण मिलना चाहिये और यह आरक्षण ना केवल शासकीय बल्कि प्रायवेट सेक्टर में भी मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि आरक्षण पर मतभेद होने के बाद लोग कोर्ट जायेंगे और कोर्ट तथ्यों, तर्को और संवैधानिक मर्यादाओं के तहत काम करता है और एसटी, एससी ओर ओबीसी के आरक्षण को कम नहीं किया जा सकता है। मेरा मानना है कि पूरी दुनिया अभावग्रस्तस और सुविधायुक्त लोगों के बीच बंट गई है। एक तरफ गरीब एसटी, एससी, ओबीसी और स्वर्ण है, जबकि दूसरी ओर प्रायवेट और शासकीय अस्पताल या प्रायवेट या शासकीय स्कूल जाने वाले लोग है।
बालाघाट से सुनील कोरे की रिपोर्ट