सुरक्षाबलों को नक्सलियों के खिलाफ मिली बड़ी सफलता, जंगल से विस्फोट सामाग्री सहित अन्य उपकरण बरामद

बालाघाट,सुनील कोरे। दशकों से बालाघाट (Balaghat) जिला नक्सली समस्या से जूझ रहा है, जिसमें कई जवान शहीद हो गये तो वहीं कई आमजन की जाने भी गई हैं। देश की नक्लसवाद समस्या से ग्रस्त बालाघाट जिले में नक्सलियों की आमद और उनकी उपस्थिति का अहसास कभी नक्सली पर्चे के माध्यम से होता है तो कभी उनके पुलिस बल को नुकसान पहुंचाने जमीन में गाड़कर रखे गये विस्फोट मिलने से होता है। पर्चे और विस्फोटक का मिलना, दोनो ओर से जारी है। जहां नक्सली पर्चे टांगकर भय पैदा करना चाहते है तो पुलिस नक्सलियों डंप बरामद कर नक्सलियों के हौंसले को पस्त करने में लगी रहती है। इसी कड़ी में लांजी क्षेत्र के मालकुंआ के जंगल से जमीन में सुरक्षाबलों को निशाना पहुंचाने की मंशा से गाड़कर रखे गये ड्रम से सर्चिंग के दौरान हॉकफोर्स की टीम ने नक्सली डंप बरामद किया है। जिसमें विस्फोट करने वाले प्रयुक्त उपकरण, नक्सली साहित्य और दैनिक सामग्री बताई जा रही हैं।

एसडीओपी दुर्गेश आर्मो ने बताया कि मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सीमावर्ती क्षेत्र के लांजी थाना अंतर्गत प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (माओवादी) के दर्रेकसा एवं मलाजखंड दलम के नक्सली सदस्य अवैध शस्त्र एवं गोलाबारूद के दम पर शासन एवं कानून के विरूद्ध लगातार सक्रिय है। जिसके खिलाफ बालाघाट पुलिस द्वारा चलाये जा रहे नक्सल अभियान के तहत 7 नवंबर को सुबह लगभग 6.30 बजे मालकुआ के जंगली क्षेत्र में सर्चिंग के दौरान हॉकफोर्स की टीम को संदेहास्पद जगह दिखाई देने पर टीम द्वारा पूरी सुरक्षा के साथ जमीन के अंदर गड़े एक नीले ड्रम को बाहर निकाला।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”