अमानक चावल मामला: सिक्युरिटी एजेंसी के मार्फत रखे गये थे निरीक्षक,प्रेस के हाथ लगे पत्र, उठ रहे कई सवाल

बालाघाट, सुनील कोरे। जिले में अमानक चांवल के बड़े मामले का खुलासा बिना राजनीति, अधिकारी और मिलर्स के संभव नहीं है और जिले में जिस बड़े अमानक चांवल का मामले का खुलासा केन्द्रीय स्तर की जांच टीम ने किया है, उसके बाद से बालाघाट जिले में हड़कंप का माहौल है। साथ ही इसमें लिप्त हर कोई अब स्वयं को बचाने में लग गया है।

हालांकि इस मामले के पीएमओ द्वारा संज्ञान लेने और जांच के निर्देश के बाद प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर साफ कर दिया है कि इस मामले में लिप्त दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा। साथ ही प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच ईओडब्ल्यु से कराने के आदेश भी जारी कर दिये है। जिसके बाद ईओडब्ल्यु ने बालाघाट और मंडला अमानक चांवल के मामले में दो प्राथमिकी भी दर्ज कर ली है। जिसके बाद ईओडब्ल्यु अब मामले से जुड़े कागजी दस्तावेज को जुटाने में जुट गई है। वहीं इस मामले में प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने भी सख्त तेवर दिखाते हुए जिले के सभी 18 राईस मिलर्स की मिलों को बंद करने के साथ ही मिल के विद्युत कनेक्शन कटवा दिये है।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।