Balancing Rock Of MP: भारत एक ऐसा देश है जहां घूमने फिरने की एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है। सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल हो या फिर धार्मिक स्थान, नदी, पहाड़, जंगल, झरने और हसीन प्राकृतिक वादियां अक्सर ही पर्यटकों का मन अपनी और आकर्षित करती है।
हमारे देश में कुछ ऐसी चीजें भी मौजूद है जो रहस्यों से भरी हुई है और जब भी पर्यटक इन्हें देखते हैं हैरान रह जाते हैं। यहां के सभी राज्यों में सैलानियों को आकर्षित करने वाली जगह मौजूद है जहां हमेशा ही पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है।
मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जो पर्यटन के लिहाज से बहुत ही समृद्ध है और यहां के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल देखने के लिए देश के साथ विदेशी पर्यटकों का आना-जाना भी लगा रहता है। मध्यप्रदेश में कई सारी धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी मौजूद है जिनका इतिहास और परंपरा आकर्षित करने वाली है।
मध्यप्रदेश का जबलपुर एक ऐसा शहर है अपने खूबसूरत प्राकृतिक स्थानों के लिए पहचाना जाता है। यहां स्थित भेड़ाघाट पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खूबसूरत जगह है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है जो भी इसे देखता है आश्चर्य में पड़ जाता है।
जबलपुर में है Balancing Rock
ये अनोखा और हैरान कर देने वाला बैलेंसिंग रॉक जबलपुर के मदन महल किले में स्थित है जिसका निर्माण गोंड शासक राजा मदन सिंह ने किया था। दरअसल, यह पत्थर महल के अंदर नहीं बल्कि यहां जाने वाले रास्ते पर मौजूद है। जानकारी के मुताबिक हजारों साल पहले ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण यह पत्थर बना था जिसे एक चमत्कार के रूप में देखा जाता है।
अद्भुत है बैलेंसिंग रॉक
अब आप इस जगह पर पहुंचेंगे तो आप यह देखेंगे कि यहां दो पत्थर मौजूद है जो एक दूसरे पर बहुत ही छोटी सी धुरी पर टिके हुए हैं। इन्हें पहली बार देखने पर आपको ऐसा लगेगा कि यह हवा के झोंके से भी गिर जाएंगे।
लेकिन यह महज आपका भ्रम है क्योंकि साल 1997 में जब 6.5 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था, वो भी इन्हें नहीं हिला सका। ऐसा कहा जाता है कि ग्रेविटेशनल पुल की वजह से यह पत्थर यहां पर बिना हिले ढुले टिका हुआ है।
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सालों से टिका है पत्थर
जबलपुर में ये पत्थर हजारों सालों से इसी तरह से टिका हुआ है और इसमें 1 इंच का बदलाव भी नहीं देखा गया है। भूकंप के लिहाज से जबलपुर काफी संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।
इसी के चलते भू वैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों का कहना है कि ये चट्टान मैग्मा जमने के कारण निर्मित हुई होंगी। जबलपुर के आसपास के क्षेत्रों में काफी संख्या में बैलेंसिंग रॉक देखने को मिलते हैं।
वैज्ञानिक भी नहीं दे सके जवाब
छोटी सी धुरी पर टिके हुए इस पत्थर को लेकर जाने भी कहीं बाहर शोध कर चुके हैं। उन्होंने कई मानकों पर इस पत्थर के बारे में रिसर्च किया है लेकिन फिर भी इसका तथ्यात्मक जवाब दे पाने में वह असमर्थ रहे हैं।
हर साल आते हैं लाखों लोग
इस अद्भुत और अनोखे बैलेंसिंग रॉक को देखने के लिए साल भर में लाखों देशी और विदेशी पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं और तस्वीरें क्लिक करवाते हुए नजर आते हैं। यह जगह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।