Balancing Rock: सालों से रहस्य है मध्य प्रदेश के इस शहर मौजूद ये बैलेंसिंग रॉक, बड़े से बड़ा भूकंप भी नहीं हिला सका इसका 1 इंच

Diksha Bhanupriy
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Balancing Rock

Balancing Rock Of MP: भारत एक ऐसा देश है जहां घूमने फिरने की एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है। सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थल हो या फिर धार्मिक स्थान, नदी, पहाड़, जंगल, झरने और हसीन प्राकृतिक वादियां अक्सर ही पर्यटकों का मन अपनी और आकर्षित करती है।

हमारे देश में कुछ ऐसी चीजें भी मौजूद है जो रहस्यों से भरी हुई है और जब भी पर्यटक इन्हें देखते हैं हैरान रह जाते हैं। यहां के सभी राज्यों में सैलानियों को आकर्षित करने वाली जगह मौजूद है जहां हमेशा ही पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है।

मध्य प्रदेश भारत का एक ऐसा राज्य है जो पर्यटन के लिहाज से बहुत ही समृद्ध है और यहां के धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल देखने के लिए देश के साथ विदेशी पर्यटकों का आना-जाना भी लगा रहता है। मध्यप्रदेश में कई सारी धार्मिक और ऐतिहासिक नगरी मौजूद है जिनका इतिहास और परंपरा आकर्षित करने वाली है।

मध्यप्रदेश का जबलपुर एक ऐसा शहर है अपने खूबसूरत प्राकृतिक स्थानों के लिए पहचाना जाता है। यहां स्थित भेड़ाघाट पर्यटन के लिहाज से बहुत ही खूबसूरत जगह है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है जो भी इसे देखता है आश्चर्य में पड़ जाता है।

जबलपुर में है Balancing Rock

ये अनोखा और हैरान कर देने वाला बैलेंसिंग रॉक जबलपुर के मदन महल किले में स्थित है जिसका निर्माण गोंड शासक राजा मदन सिंह ने किया था। दरअसल, यह पत्थर महल के अंदर नहीं बल्कि यहां जाने वाले रास्ते पर मौजूद है। जानकारी के मुताबिक हजारों साल पहले ज्वालामुखी के विस्फोट के कारण यह पत्थर बना था जिसे एक चमत्कार के रूप में देखा जाता है।

Balancing Rock

 

अद्भुत है बैलेंसिंग रॉक

अब आप इस जगह पर पहुंचेंगे तो आप यह देखेंगे कि यहां दो पत्थर मौजूद है जो एक दूसरे पर बहुत ही छोटी सी धुरी पर टिके हुए हैं। इन्हें पहली बार देखने पर आपको ऐसा लगेगा कि यह हवा के झोंके से भी गिर जाएंगे।

लेकिन यह महज आपका भ्रम है क्योंकि साल 1997 में जब 6.5 रिक्टर स्केल का भूकंप आया था, वो भी इन्हें नहीं हिला सका। ऐसा कहा जाता है कि ग्रेविटेशनल पुल की वजह से यह पत्थर यहां पर बिना हिले ढुले टिका हुआ है।

 

सालों से टिका है पत्थर

जबलपुर में ये पत्थर हजारों सालों से इसी तरह से टिका हुआ है और इसमें 1 इंच का बदलाव भी नहीं देखा गया है। भूकंप के लिहाज से जबलपुर काफी संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।

Balancing Rock

इसी के चलते भू वैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों का कहना है कि ये चट्टान मैग्मा जमने के कारण निर्मित हुई होंगी। जबलपुर के आसपास के क्षेत्रों में काफी संख्या में बैलेंसिंग रॉक देखने को मिलते हैं।

वैज्ञानिक भी नहीं दे सके जवाब

छोटी सी धुरी पर टिके हुए इस पत्थर को लेकर जाने भी कहीं बाहर शोध कर चुके हैं। उन्होंने कई मानकों पर इस पत्थर के बारे में रिसर्च किया है लेकिन फिर भी इसका तथ्यात्मक जवाब दे पाने में वह असमर्थ रहे हैं।

हर साल आते हैं लाखों लोग

इस अद्भुत और अनोखे बैलेंसिंग रॉक को देखने के लिए साल भर में लाखों देशी और विदेशी पर्यटक यहां पर पहुंचते हैं और तस्वीरें क्लिक करवाते हुए नजर आते हैं। यह जगह पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

गर्मियां शुरू हो गई है और वैकेशन भी लग गए हैं ऐसे में अगर आप कहीं घूमने फिरने का प्लान बना रहे हैं और एमपी टूरिज्म की आपकी इच्छा है तो जबलपुर के बैलेंसिंग रॉक को देखना बिल्कुल ना भूलें। जब आप यहां पहुंचेंगे तो प्रकृति के इस अद्भुत नज़ारे को देखकर हैरान हो जाएंगे। यहां हर साल कई लोग पहुंचते हैं और तस्वीरें क्लिक करवाते नजर आते हैं।

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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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