जबलपुर हाई कोर्ट में कंगना रनौत की फिल्म ‘Emergency’ के प्रदर्शन पर रोक लगाने से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई की गई। दरअसल इस याचिका में फिल्म के ट्रेलर में दिखाई गई सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री का मुद्दा उठाया गया है। वहीं याचिकाकर्ता का कहना है, कि फिल्म के ट्रेलर में सिख समुदाय को क्रूर और नकारात्मक रूप में दिखाया गया है, जिससे समाज में सिख समुदाय की छवि खराब हो सकती है।
दरअसल मामले की सुनवाई के दौरान, हाई कोर्ट ने कंगना रनौत की मणिकर्णिका प्रोडक्शंस, केंद्र सरकार, राज्य सरकार, सेंसर बोर्ड और अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया। जानकारी के अनुसार एक्टिंग चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में हुई इस सुनवाई में कहा गया है कि जो पक्षकार अदालत में उपस्थित नहीं थे, उन्हें इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से भी नोटिस जारी किए जाएंगे। हाई कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करने का समय दिया है।
याचिकाकर्ता के तर्क?
याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म ‘Emergency’ के ट्रेलर में सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिससे उनकी सामाजिक छवि पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। याचिकाकर्ता का कहना है कि फिल्म में दिखाए गए दृश्य सिख समुदाय के बारे में भ्रामक धारणाएं उत्पन्न कर सकते हैं, जो समाज के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
कोरोना काल में सिख समुदाय सेवा करने में सबसे आगे था : एक्टिंग CJ
दरअसल सुनवाई के दौरान, न्यायाधीश ने सिख समुदाय की सेवाभावना और उनके योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “कोविड-19 महामारी के दौरान, सिख समुदाय ने सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैंने खुद देखा कि दिल्ली में गुरुद्वारों ने ऑक्सीजन और भोजन की व्यवस्था की। इस कठिन समय में सिख समुदाय की सेवा उल्लेखनीय है।” कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की यह टिप्पणी इस मामले में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सिख समुदाय की छवि को लेकर गंभीर चिंताओं की ओर इशारा करती है।
जानकारी के अनुसार इस मामले की अगली सुनवाई कल सुबह होगी, जिसमें कंगना रनौत और अन्य संबंधित पक्षों की प्रतिक्रियाओं को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। वहीं हाई कोर्ट द्वारा सभी पक्षकारों को दिए गए नोटिस के बाद, इस मामले में आगे की कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।