बैतूल, वाजिद खान। बैतूल (betul) में कोरोना (corona) को लेकर लगाए गए लॉकडाउन (lockdown) के बाद बंद हुई यात्री बसें अनलॉक (unlock) होने के बाद भी खड़ी नजर आ रही हैं । बैतूल से लगभग 300 बसें चलती है लेकिन फिलहाल 32 बसें ही चलाई जा रही हैं। जिसके बाद लंबे रूट और अंतरराज्यीय बसें (inter-state buses) बंद होने से यात्री परेशान हैं। वहीं बस ऑपरेटरों ने भी अपनी समस्याएं बताई हैं जिसके कारण वे बस चालू नहीं कर रहे हैं।
दरअसल बैतूल बस स्टैंड से प्रतिदिन लगभग 300 बसें चलती है। कोरोना से जहां पूरा देश प्रभावित हुआ वहीं बस ऑपरेटर भी इससे परेशान हो गए हैं। बस ऑपरेटरों का कहना है कि पिछले साल और इस साल जब बसों का सीजन रहता है तब लॉकडाउन लग गया था और उसके बाद बारिश में बस चलाना घाटे का काम होता है। इसको लेकर सरकार से 1 साल का टैक्स माफ करने की मांग की है । जब तक टैक्स माफ नहीं होता तब तक बसे नहीं चलाएंगे बस ऑपरेटरों का कहना है कि डीजल के भी दाम बढ़ गए हैं और ऐसे में यात्री किराया नहीं बढ़ा तो बस चलाना मुश्किल हो जाएगा ।
बस स्टैंड पर ऐसे कई यात्री बाहर जाने के लिए बसों का इंतजार करते नजर आते हैं जिन्हें लंबी दूरी की यात्रा करना है । एक यात्री का कहना है कि उसे नागपुर जाना है लेकिन बस नहीं चल रही जिसके कारण वह परेशान है वही एक यात्री तो जबलपुर जाने के लिए बस स्टैंड के कई बार चक्कर काट चुका है लेकिन जबलपुर बस शुरू नहीं हुई।
बैतूल आरटीओ रंजना कुशवाहा का कहना है कि बस ऑपरेटरों का जो मुद्दा है वह नीतिगत मुद्दा है जिसको लेकर सरकार को अवगत करा दिया गया है कि बस आपरेटर टैक्स माफ करने की मांग कर रहे हैं इसके अलावा बस ऑपरेटरों ने डीजल के दाम बढ़ने और अन्य समस्याएं बताई है उसको लेकर भी चर्चा की जा रही है फिलहाल उन्हें सलाह दी गई है कि वह स्थानीय यात्रियों को दिक्कत ना हो तो कुछ बसें चालू कर दें ।