Betul News : दुर्गादास उइके ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में नामांकन किया दाखिल, पूर्व विधायक और कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने थामा भाजपा का दामन

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में श्रीराम मंदिर का निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हुआ तो इसमें ना सिर्फ हिन्दु बल्कि मुस्लिमों ने भी बढ़चढ़चकर सहयोग दिया। दोनों सम्प्रदाय के बीच किसी भी प्रकार का कोई भी भेदभाव नहीं है।

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Betul News : एक ऋषि थे जो कि कई कार्य कर चुके थे लेकिन जब उनके मन में अध्यात्म जागा तो उन्होंने अन्य ऋषियों से गुरुमंत्र मांगा। ऋषियों ने उन्हें सिर्फ एक मंत्र दिया कि आप राम-राम बोलो। चूंकि मंत्र लेने वाले ऋषि ने अन्य ऐसे कार्य किए थे। कि उन्हें राम-राम शब्द याद ही नहीं रहा और वो मरा-मरा शब्द बोलने लगे। लेकिन इसका भी उच्चारण राम-राम ही हुआ। आज सभी कांग्रेसी भी मरा-मरा ही बोल रहे हैं। उक्त उद्गार दुर्गादास उइके का नामांकन दाखिल करवाने के लिए बैतूल पहुंचे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने व्यक्त किए। डॉ. मोहन यादव ने आगे कहा कि कांग्रेस चाहती तो राममंदिर मुद्दे को 70 साल पहले हल कर सकती थी। लेकिन कांग्रेस ने इसे कलंक मानकर जिंदा रखा और हिन्दु-मुसलमानों के बीच झगड़ा कराने का कार्य किया। उन्होंने आगे कहा कि जिस राम सेतू को नासा ने भी मानवनिर्मित माना है उन्हीं भगवान श्रीराम के अस्तित्व पर कांगे्रसी हमेशा सवाल उठाते रहे। लेकिन जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में श्रीराम मंदिर का निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम हुआ तो इसमें ना सिर्फ हिन्दु बल्कि मुस्लिमों ने भी बढ़चढ़चकर सहयोग दिया। दोनों सम्प्रदाय के बीच किसी भी प्रकार का कोई भी भेदभाव नहीं है।

भारत दुनिया का सबसे बड़ी आबादी और लोकतंत्र वाला देश है। हम विश्व की सबसेबड़ी पार्टी के सिपाही है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को सबसे मजबूत हाथ में देना चाहिए जिसकी 56 इंच की छाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही ऐसे नेता है और मोदी है तो मुमकिन है। यादव के भाषण के पश्चात कांग्रेस जिलाध्यक्ष सुनील शर्मा और पूर्व विधायक सुनीता बेले मंच पर पहुंचे जहां मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इन दोनों नेताओं का स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा प्रत्याशी डीडी उइके ने स्वागत भाषण से हुआ था।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”