गौवंश तस्करों की पिटाई, वीडियो वायरल, पुलिस ने किया मामला दर्ज

Gaurav Sharma
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बैतूल,वाजिद खान। महाराष्ट्र के दो गौवंश तस्करों को घेरकर पीटने का मामला बैतूल में सामने आया है। यहां ग्रामीणों ने तीन पिक अप में गौवंश भरकर ले जा रहे तस्करों को घेरकर पकड़ा और फिर बेहोस होने तक इतना पीटा की एक को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। तस्करों को सड़क पर घसीटकर पीटने का वीडियो यहां वायरल हो रहा है। पुलिस ने पकड़े गए दो युवकों के खिलाफ कार्रवाई की है।जबकि आरोपी ने उन्हें पीटने उनके रुपये मोबाइल छिनने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके पास सारे गौवंश की रसीदे है।

बैतूल की मुलताई पुलिस ने रविवार को दावा किया कि उसने और ग्रामीणों ने घेराबंदी कर महाराष्ट्र ले जाई जा रही तीन पिक अप गाड़िया पकड़ी है। जिसमे दो वाहनों के आरोपी फरार हो गए जबकि एक वाहन के ड्राइवर और क्लीनर को पकड़ा गया है। जिनके पास से 32 नग गौवंश बरामद किए गए है।  इनमे दो गौवंश की मौत हो गयी थी। पकड़े गए दोनों शेख मोहिस और सोहेल खान आरोपी महाराष्ट्र के अमरावती जिले के रहने वाले है। इनमे एक की ग्रामीणों ने जमकर पिटाई की। उसे सड़क पर घसीटने का वीडियो यहां वायरल हो रहा है।

ग्रामीणों की पिटाई से घायल आरोपी शेख मोहिस को बेहोशी की हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।जहां होश आने के बाद उसने ग्रामीणों द्वारा पीटने,रुपये मोबाइल छुड़ाने के आरोप लगाया है। उसकी सफाई है कि वे जो मवेसी ले जा रहे थे।उनके पास उसकी रसीदे है। उन्हें रास्ते में जबरदस्ती  रोककर पीटा गया है।

इधर मुलताई टीआई संतोष पन्द्रे का कहना है कि पकड़े गए आरोपी गौवंश तस्कर है और उन्होंने ग्रामीणों की सूचना पर उन्हें घेराबंदी कर गिरफ्तार किया है। ग्रामीणों और तस्करों के बीच हाथापाई हुई थी।दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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