हाथों में खराब फसल लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान, मुआवजे की मांग

बैतूल, वाजिद खान। जिले में अतिबृष्टि के चलते खरीफ की फसल खराब हो जाने से किसानों पर मुसीबत का पहाड़ टूट गया है । नाराज किसानों ने सोमवार को बैतूल कलेक्ट्रेट में धरना प्रदर्शन कर जमकर नारेबाजी की । हाथों में खराब फसल लेकर बड़ी संख्या में किसान बैतूल कलेक्ट्रेट पहुंचे और परिसर में धरना देकर नारेबाजी की । इस दौरान अधिकारियों को खराब फसल भी दिखाई । किसान और खेत मजदूर कांग्रेस के आव्हान पर धरना प्रदर्शन किया गया । इस प्रदर्शन में किसान खराब हुई फसल को हाथ में लेकर आए थे । बताया जा रहा है कि अतिवृष्टि के चलते खरीफ की फसलें जिनमें सोयाबीन, मक्का, उड़द, मूंग के अलावा सब्जी भी खराब हुई है ।

हाथों में खराब फसल लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसान, मुआवजे की मांग


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।