बैतूल के 47 गांवों में नहीं लगा कोरोना का एक भी टीका, डर के कारण लड़ने को तैयार हैं ग्रामीण

Pratik Chourdia
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बैतूल

बैतूल, वाजिद खान। बैतूल (betul) का ताजा मामला सामने आया है जहां जिले में 1400 करीब गांव है जिनमें से 47 गांव ऐसे हैं जिनमें एक भी व्यक्ति को वैक्सीन नहीं लगी है सबसे अधिक 33 गांव भीमपुर ब्लॉक में है। बैतूल के जीरो वैक्सीन (vaccine) वाले अधिकतर गांव ऐसे हैं जहां आदिवासी समुदाय (tribal groups) की संख्या ज्यादा है। ग्रामीणों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है उनके बीच यह बात भी पहुंच गई है कि वैक्सीन लगाने से लोग मर रहे हैं। जब भी स्वास्थ्य विभाग (health department) की टीम ग्रामीणों को वैक्सीन लगाने जाती है तो वे वेक्सीन लगवाने से मना कर देते है । कई जगह तो लड़ने को और पत्थर मारने को तैयार हो जाते है।

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जिले में 190000 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है । इसको लेकर कलेक्टर और सभी विभागों ने मिलकर काम किया है । भीमपुर का काजरी नाम का गांव है जहां भ्रम की स्थिति थी वहां समाजसेवी संगठनों के माध्यम से लोगों को वैक्सीन लगवाई गई । कई गांव में गाली गलौज की घटनाएं हुई है उसके वीडियो भी आए हैं। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जहां भी ऐसे गांव हैं वहां लोगों को समझा कर अन्य वैक्सीनेटड गांवों की तरह सफलता हांसिल की जाएगी।

पहले वैक्सीनेशन के लिए 232 सेंटर थे और उतनी ही टीम बनी हुई थी। खबर थी कि वैक्सीन के डोज कम मिल पा रहे हैं इसलिए कम लोगों को वैक्सीन लग पा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि वैक्सीन के डोज ज्यादा मिलेंगे स्टेट ने ये वादा किया है ।स्वास्थय विभाग का यह भी दावा है कि जीरो वैक्सीनेशन वाले गांव में हम जागरूकता अभियान चलाएंगे जिससे वहां भी वैक्सीनेशन होगा।

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भ्रम को लेकर जो बातें सामने आई है उस में प्रमुख रूप से यह है कि लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगाने से मौत हो रही है कुछ लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगाने के बाद ही कोरोना हो रहा है और कुछ लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगाने के बाद बच्चे नहीं हो रहे हैं कुछ लोगों ने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद दिखना बंद हो गया जब उस व्यक्ति से पूछा गया तो पता चला कि उसकी पहले से ही नजर कम थी वैक्सीन जहां नहीं लग रही है वह अधिकांश आदिवासी गांव है ।


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