भिंड, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश(Madhya pradesh) में एक बार फिर कांग्रेस(congress) को उपचुनाव(by election) से पहले बड़ा झटका लगा है। इस बार भी कांग्रेस को ये झटका ज्योतिरादित्य सिंधिया(jyotiraditya scindia) ने दिया है। भिंड(bhind) में कांग्रेस के प्रदेश सचिव रामहरि शर्मा(ramhari sharma), अजा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष इंजीनियर सुनील शेजवार(sunil shejwar), महिला कांग्रेस जिलाध्यक्ष रजनी श्रीवास्तव दीक्षित ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। रविवार को गोहद में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ(kamalnath) की जनसभा होनी है इससे पहले कांग्रेस के लिखो बड़ा नुकसान लगा है।
चुनाव से पहले मध्यप्रदेश में दल बदलने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार की रात दिल्ली में भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर कांग्रेस के प्रदेश सचिव राहरि शर्मा, अनुसूचित जनजाति प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सुनील शेजवार और महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष रजनी श्रीवास्तव ने कांग्रेसी इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस से प्रदेश सचिव ने बताया राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें फोन कर कहा था कि सिंधिया को उनकी आवश्यकता है। जिसके बाद से उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। अब इसी मामले में सुनील शेजवार का कहना है कि पिछले 20 वर्ष से वह कांग्रेस में टिकट की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस में रहते हुए हर तरह से मेहनत की लेकिन पार्टी ने हमेशा उन्हें अनदेखा कर दिया। इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया।
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार शाम राजेंद्र गुर्जर ,सुनील शेजवार, रजनी श्रीवास्तव के साथ रामहरि शर्मा दिल्ली रवाना हुए थे। जहां सिंधिया से मुलाकात करने के बाद उन्होंने अपनी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल की थी। पार्टी छोड़ने
की बात पर रामहरि शर्मा का कहना है कि वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया से जुड़े थे। सिंधिया परिवार में उनकी आस्था शुरू से बनी रही है। वहीं इससे पहले राजेंद्र गुर्जर ने सिंधिया से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
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गौरतलब हो कि रामहरि शर्मा और रजनी श्रीवास्तव मेहगांव सीट से लगातार टिकट की मांग कर रहे थे। इससे पहले रजनी श्रीवास्तव मेहगांव सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं जबकि सुनील शेजवार गोहद विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रबल दावेदार थे। वहीं कांग्रेस ने मेहगांव से कांग्रेस के पूर्व विधायक हेमंत कटारे को टिकट दिया है जबकि गोहद से मेवाराम जाटव उपचुनाव में कांग्रेस की दावेदारी कर रहे हैं।
अब ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की जनसभा से पूर्व बड़े नेताओं का इस तरह पार्टी छोड़कर चले जाना वाकई कांग्रेस के कुनबे में हलचल मचाने के लिए काफी है। वही लगातार सिंधिया पर हमलावर बनी रही कांग्रेस के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया उपचुनाव में बड़ी परेशानी के रूप में नजर आ रहे हैं। कांग्रेस लगातार अपने नेताओं से वचन ले रही है किन्तु पार्टी के अंदर संग्राम नजर आ रहा है। सिंधिया और उनके समर्थकों के पार्टी छोड़ने के बाद से ही कांग्रेस के संगठित ढांचे का बिखरना जारी है। अब ऐसे में कांग्रेस के लिए उपचुनाव कैसी परिस्थितियां लेकर आने वाला है। ये देखना दिलचस्प है।