भिंड, डेस्क रिपोर्ट। लखीमपुर खीरी मसले पर विरोध में उतरी कांग्रेस को भाजपा नेता एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ रमेश दुबे ने जमकर आड़े हाथों लिया है। उन्होने कहा कि अपने कुकर्मों की वजह से कहीं की न बची कांग्रेस पार्टी अब ओछेपन पर उतर आई है। पैरों तले जमीन खिसकने के बाद खड़ी न रह पाने वाली कांग्रेस अब किसानों को बैसाखी बनाना चाहती है और किसानों को आगे करके अपनी राजनीति चमकाना चाहती है।
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डॉ दुबे ने कहा कि लखीमपुर खीरी में जो घटना घटित हुई है उसमें योगी सरकार पूर्ण निष्पक्षता के साथ कानूनी कार्रवाई कर रही है। उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा है कि जांच के बाद जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन कांग्रेस को केवल 4 ही मौतें दिखाई दे रही हैं, जबकि वहां पर घटित घटनाचक्र में 8 हत्याएं हुई थीं। डॉ दुबे ने कहा कि कांग्रेस केवल 4 लोगों की हत्याओं की बात करती है जबकि मारे तो 8 लोग गए थे। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अन्य 4 लोग जिनकी भी हत्या की गई, क्या वो इस देश के नागरिक नहीं थे। क्या उनकी हत्या कांग्रेस के लिए कोई मायने नहीं रखती। अगर कांग्रेस खुद को गांधीवादी कहती है तो सत्य को अंगीकार करे और सभी 8 मृतकों को न्याय दिलाने की बात करे। लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि ऐसा करने से कांग्रेस को जो मौका राजनीति चमकाने के मिला है वो हाथ से निकल जायेगा और उसकी सच्चाई सामने आ जाएगी।
बीजेपी नेता ने कहा कांग्रेस की कथनी करनी के बारे में जनता भलीभांति जानती है, लेकिन अब जनता को कांग्रेस की बदनीयती के बारे में भी जानना होगा। जो कांग्रेस लखीमपुर खीरी में बेमतलब का हो हल्ला मचाये हुए है वो जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के द्वारा लगातार की जा रही हिंदुओं की हत्याओं पर मौन क्यों साधे हुए है। क्या कश्मीर भारत का अंग नहीं है। क्या कश्मीर के बाशिंदे भारत के नागरिक नहीं हैं। कश्मीर में हो रही हिंदुओं की हत्याओं पर कांग्रेस का मौनव्रत उनकी बदनीयती और दोहरे चरित्र को दर्शाता है। डॉ दुबे ने कहा कि एक तरफ चीन आये दिन सीमा पर अपनी हरकतें बन्द नहीं कर रहा है और दूसरी तरफ पाकिस्तान हर रोज नई साजिशें तैयार कर कश्मीर के अमन चैन को खत्म करना चाहता है। ऐसे में देश के सभी नागरिकों को देश को एकसूत्र में पिरोने का काम करना चाहिए लेकिन कांग्रेस देश को तोड़ने के लिए बवंडर फैलाये हुए है।
उन्होने कांग्रेस को कड़ी नसीहत देते हुए कहा कि अपना अस्तित्व खो चुकी कांग्रेस को बजाय राष्ट्रविरोध के राष्ट्रधर्म निभाना चाहिए और अपनी नीयत ठीक करना चाहिए,। अलगाववादी ताकतों का साथ देने की बजाय देश का साथ देना चाहिए नहीं तो आने वाले समय मे कांग्रेस का नाम लेने वाला भी कोई नहीं बचेगा और कांग्रेस इतिहास की पौराणिक कथाओं की तरह दर्ज होकर रह जायेगी।