कांग्रेस पूर्व मंत्री का सिंधिया पर निशाना, कहा-चंबल में छिपे हैं कमलनाथ सरकार गिराने वाले गद्दार

Gaurav Sharma
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भिण्ड, गणेश भारद्वाज। नदी बचाओ यात्रा में बुधबार को पूर्व मंत्री गोविंद सिंह की पद यात्रा में कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व मंत्री लाखन सिंह, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, व मिर्ची बाबा ने पदयात्रा में अपनी भागीदारी दर्ज कराई। सभी नेतागण हेलीकॉप्टर से रौंन कस्बे पहुंचे ,जहां एक सभा को संबोधित करते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि अब काहे के श्रीमंत ग्वालियर की जनता ने काले झंडे दिखाकर उन्हें यह बता दिया कि वह अब श्रीमंत नहीं है, ज्योतिरादित्य बाबू रह गए है।

यहीं नहीं उन्होंने यहां तक कह डाला कि कमलनाथ सरकार को गिराने बाले गद्दार चम्बल में ही छिपे हुए है। इन्हें बाहर निकालकर इन्हें सबक सिखाओ तथा नए चेहरों को मौका दें। कुछ ही दिनों में आचार सहिंता लगने वाली हैं। आप लोग तैयार हो जाओ, इन जयचंदों को सबक सिखाना है। आपने पहले इन लोगों को चुनाव जिताकर कमलनाथ सरकार बनवाई थी, लेकिन आपके क्षेत्र के विधायक ने पैतीस करोड़ में आपके विश्वास को बेंच दिया। अब वो पुनः चुनाव में आ रहे है, ऐसे गद्दारों को आप सबक सिखाये।

उन्होंने कहा कि बाबा अम्बेडकर ने संविधान में यह व्यवस्था दी थी कि यदि कोई विधायक या सांसद का निधन हो जाता है तो उप चुनाव हो। लेकिन इन जयचंदों ने अपने को बेचकर पुनः उपचुनाव में लाकर खड़ा कर दिया है। आपके क्षेत्र में सोलह सीटों पर उपचुनाव होने है। उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में आरएसएस का सर्वे आया है, जिसमें सत्ताईस की सत्ताईस सीटों पर बीजेपी चुनाव हार रही हैं ।

वहीं सभा को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि नदी बचाओं सत्याग्रह करके गोविंद सिंह ने यह सिद्ध कर दिया कि वह चम्बल के गांधी है। इस उम्र में भी उन्हें आगे आने बाली पीढ़ी की चिंता है, क्योंकि वह जानते है कि नदियों के गिरते जल स्तर को बचाया नहीं गया तो आगे आने वाली पीढ़ी हम बूढ़ों को कोसेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले उप चुनाव में आप सभी कांग्रेस को जीत दिलाएं।

वही सभा को संबोधित करते हुए मिर्ची बाबा ने कहा कि जैसे महाभारत युद्ध के समय दुर्योधन ने दुशासन द्वारा जैसे द्रोपदी का चीरहरण करवाया था। उसी प्रकार शिवराज ने दुर्योधन बन और सिंधिया दुशासन बन जनता का चीर हरण किया है। वही प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने कहा कि डॉ गोविंद सिंह ने सत्याग्रह नदीं बचाओ के लिए किया है। लेकिन अब यह सत्याग्रह बेरोजगारी बचाओं, नौकरी बचाओं, संबिधान बचाओं के लिए भी करना पड़ेगा, क्योंकि अब यह समय आ चुका है।गांधी जी के तरीके से ही अपनी बात मनवानी होगी।

इससे पहले पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह की नदी बचाओं पदयात्रा मेहगॉंव विधानसभा क्षेत्र के खेरा गॉंव से प्रारंभ हुई, जो मेहन्दा घाट सिंध नदी पर पहुंची, जहां पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने पूजा अर्चना की। जिसके बाद पदयात्रा पुनः रौंन की ओर प्रस्थान कर गई। इस बीच पदयात्रा का जगह जगह गर्मजोशी से स्वागत किया गया। पदयात्रा रौंन पहुंचकर एक गार्डन में सभा में तब्दील हो गई। इस बीच उनके साथ हेमन्त कटारे, देवाशीष जरारिया, धर्मेंद्र सिंह पिकी भदौरिया, राहुल सिंह भदौरिया, जयश्रीराम बघेल, खिजर मोहम्मद कुरैशी, डॉ राधेश्याम शर्मा, डॉ वीरेंद्र सिंह भदौरिया राजाबाबू सेंगर, प्रदीप राजावत, जयेंद्र सिंह, अनुरुद्ध सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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