लहार पत्रकारों ने प्रशासन के खिलाफ की जमकर नारेबाजी, एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

भिंड, सचिन शर्मा। प्रदेश भर में पत्रकारों पर हो रहे हमले और उनके खिलाफ दर्ज गलत एफआईआर सिर्फ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर ही हमले नहीं हैं, बल्कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को भी कमजोर करने की योजनाबद्ध कोशिश है। ऐसा ही मामला भिंड (bhind) जिले का है जहाँ एम्बुलेंस के अभाव में एक मरीज को हाथ ठेले पर ले जाने की घटना को उजागर करने पर तीन पत्रकारों पर एफआईआर दर्ज कर प्रदेश सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट कर लोकतंत्र के चौथे खम्बे को कमजोर कर रही है।

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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”