Bhopal: लेखक विजय मनोहर तिवारी ने एक दर्शनीय और सुस्पष्ट आवाज के साथ भोपाल की गुमटियों और उनके संघर्षों को साझा किया है। उन्होंने बताया कि कैसे भोपाल में गुमटियों का अनगिनत स्वरूप है, जो शहर की संघर्षणात्मक दृष्टि को दर्शाता है। उनके अनुसार, भोपाल के स्थानीय नेताओं को एकत्रित करने के लिए एक कॉन्क्लेव आयोजित किया जाना चाहिए, जिसमें उन्हें इन चुनौतियों पर विचार करने का मौका मिले। उन्होंने लिखा, गुमटी, गुमटियों और जगहों की बात की जाए तो भोपाल इनके लिए बहुत मशहूर है। यहां के गुमटीकरण का विवादित विषय रहा है, जिसने इस शहर को राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से बहुत चर्चा में लाया। इस विवाद के बीच, भोपाल ने अपनी विशेष पहचान बनाई है। यहां की गुमटियों और उनके निवासियों की कहानी सभी को प्रेरित करती है।
अब भोपाल जल्द ही एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कॉन्क्लेव की मेजबानी करने के लिए तैयार है, जिसका फोकस देश भर में तेजी से बढ़ रही अवैध कॉलोनियों की समस्या का समाधान खोजना होगा। केंद्र सरकार के शहरी विकास विभाग, राज्य के नगरीय प्रशासन विभाग और भोपाल नगर निगम के संयुक्त प्रयास से आयोजित होने वाला यह कॉन्क्लेव, “आत्मनिर्भर भारत अभियान” के तहत आत्मनिर्भर भोपाल की आवाज़ को बुलंद करेगा।
कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य
कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाना है, ताकि अवैध कॉलोनियों को वैध बनाने के लिए व्यावहारिक और टिकाऊ समाधान खोजे जा सकें। इन हितधारकों में सरकारी अधिकारी, शहरी नियोजक, कानूनविद, सामाजिक कार्यकर्ता और सबसे महत्वपूर्ण रूप से, प्रभावित निवासी शामिल होंगे। भोपाल को इस आयोजन के लिए चुना जाना काफी सार्थक है। यह शहर खुद अवैध कॉलोनियों के तेजी से बढ़ने की चुनौती का सामना कर रहा है। माना जा रहा है कि भोपाल के अनुभव और इस समस्या से निपटने के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर साझा करना, अन्य शहरों के लिए भी सीखने का एक बेहतरीन अवसर होगा।
तीन दिवसीय इस कॉन्क्लेव में विचार-विमर्श और चर्चाओं के माध्यम से ठोस कार्ययोजना बनाने पर ध्यान दिया जाएगा। इसका लक्ष्य न केवल अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा और बेहतर जीवन स्तर प्रदान करना है, बल्कि शहर के नियोजित विकास में भी योगदान देना है। साथ ही, यह अन्य शहरों को भी अपनी अवैध कॉलोनी समस्याओं के समाधान के लिए प्रेरित कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भोपाल में इस कॉन्क्लेव का आयोजन, अवैध कॉलोनीकरण की जटिल समस्या से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। यह उम्मीद की जाती है कि अंतिम रूप से तैयार कार्ययोजना से न केवल भोपाल बल्कि पूरे देश को लाभ होगा।