मप्र में चुनाव से पहले बनेंगी 1000 गौशालाएं, पहले चरण के लिए काम शुरू

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भोपाल। राज्य के सभी 312 विकासखंडों में अगले तीन महीने के भीतर पहले चरण में 1 हजार गौशालाएं खोलने की दिशा में काम शुरू हो गया है। इसके लिए भूमि का चयन कर लिया गया है। संभवत: लोकसभा चुनाव से पहले ज्यादातर गौशालाओं में गौवंश का ठहरना भी शुरू हो जाएगा। पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कहा कि गौमाता की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार बेहद गंभीर है। यह कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल है, मुख्यमंत्री ने इस पर त्वरित निर्णय लेते हुए गौशालाएं खोलने पर काम शुरू कर दिया है। 

मंत्री लाखन सिंह बताया कि कृषि अनुसंधान, सरकारी पोल्ट्री फार्म, मत्सय विभाग समेत अन्य विभागों में पास जो हजारों बीघा खाली जमीन है, उसका उपयोग भी गौपालन के लिए किया जाएगा। ऐसी जमीनों को प्रदेश भर में चिह्नित कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में गौवंश सड़क पर घूमता फिर रहा है। खासकर शहरों में पशुओं की वजह से यातायात प्रभावित होता है और कभी कभी हादसे भी होते हैें। शहरी क्षेत्र में नगरीय निकायों के माध्यम से गौशालाएं खोलने का काम किया जा रहा है। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पंचायतों के माध्यम से यह काम होगा। 

1000 गायों की होगी क्षमता

पहले चरण में जो गौशालाएं बनाई जा रही हैं। उनकी क्षमता 100 से लेकर 1 हजार गौवंश की होगी। खास बात यह है कि गौशाला संचालन में समाजसेवी संस्थाएं एवं समाज के लोग भी सहयोग कर सकते हैं। 

मनरेगा के मजदूर कर सकेंगे काम

मंत्री लाखन सिंह ने बताया कि गौशालाओं में मनरेगा फ ंड का उपयोग भी होगा। गौशालाओं के देखरेख के लिए जो कर्मचारी रखे जाएंगे, उन्हें भुगतान मनरेगा के तहत किया जाएगा। इस गौशालाए संचालन की कार्ययोजना में शामिल किया गया है। 


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