भोपाल| मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सरकार (Government) और शराब ठेकेदारों (Liquor contractors) के बीच लगातार शह और मात का खेल चल रहा है। जहां शराब ठेकेदार ठेको में हानि की बात कहकर हाईकोर्ट (High Court) का दामन थामे हुए हैं| वहीं राज्य सरकार उनके सामने एक के बाद एक ऑफर रखकर इस कोशिश में है कि जैसे तैसे शराब दुकानें खोलें और राजस्व आय शुरू हो जाए। लेकिन मामला बनता हुआ नहीं लग रहा । ऐसे में अब राज सरकार ने एक निर्णय लिया है।
वाणिज्य कर विभाग द्वारा गुरुवार को जारी आदेश में प्रदेश की सभी शराब दुकानों को खोलने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। तकनीकी रूप से सरकार को इसका फायदा यह है कि अब यदि शराब ठेकेदार दुकाने नहीं खोलते तो उन्हें लाइसेंस फीस तो देनी ही होगी यानी अब शराब दुकान न खोलने का घाटा ठेकेदार को ही होगा। फिलहाल भोपाल उज्जैन और इंदौर में ग्रामीण क्षेत्रों को छोड़कर शहरी क्षेत्रों में शराब दुकानें खोलने पर प्रतिबंध था लेकिन अब इस आदेश के बाद कलेक्टर स्थानीय स्तर पर यह तय कर सकेंगे कि वे किस क्षेत्र की दुकानों को बंद रखने के आदेश दें और किस क्षेत्र की दुकानों को खोलें|