भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) ने कॉलेज संचालित करने वाले एक एजुकेशनल ट्रस्ट का फर्जीवाड़ा पकड़ा है, मामला धार जिले का है। प्रमाण सामने आने के बाद उच्च शिक्षा आयुक्त दीपक सिंह (Higher Education Commissioner Deepak Singh) ने लिबरल एजुकेशन माइनोरिटी ट्रस्ट धार (Liberal Education Minority Trust Dhar) के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ साथ शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धार के प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस देकर 15 दिन में जवाब मांगा है।
जानकारी के अनुसार मामला लिबरल एजुकेशन माइनोरिटी ट्रस्ट द्वारा संचालित एसआईसी कॉलेज से जुड़ा है। इस प्राइवेट कॉलेज की कमियों और बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया से अनुमति प्राप्त नहीं होने कारण देवी अहिल्या विश्व विद्यालय इंदौर द्वारा सम्बद्धता नहीं दिए जाने के विषय में विधायक नीना वर्मा ने विधानसभा में प्रश्न पूछा था।
अपनी सत्यता प्रमाणित करने के लिए कॉलेज ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया का मान्यता पत्र देवी अहिल्य अविश्व विद्यालय को भेजा। इस सम्बन्ध में उच्च शिक्षा विभाग ने बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया नई दिल्ली को पत्र भेजकर सत्यापन करवाया। बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया नई दिल्ली ने मान्यता पत्र की जाँच कर इसे फर्जी बताया और कहा कि प्राइवेट एसआईसी कॉलेज को कभी लॉ पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति नहीं दी गई।
फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद उच्च शिक्षा आयुक्त ने कॉलेज संचालित करने वाले अपने आदेश को निरस्त कर दिया कॉलेज की मान्यता समाप्त कर दी साथ ही कड़ा फैसला लेते हुए लिबरल एजुकेशन माइनोरिटी ट्रस्ट को भविष्य में किस भी शैक्षणिक संस्था संचालित करने के लिए ब्लेस्क लिस्टेड कर दिया।
उच्च शिक्षा आयुक्त दीपक सिंह ने अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा इंदौर को आदेश दिया कि एसआईसी कॉलेज धार की मान्यता के लिए लिबरल एजुकेशन माइनोरिटी ट्रस्ट धार द्वारा फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत किये जो आपराधिक कृत्य है इसलिए ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिन के खिलाफ सम्बंधित थाने में FIR दर्ज करवाएं।
उच्च शिक्षा आयुक्त दीपक सिंह ने इस पूरे प्रकरण में शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय धार के प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस दिया है। उच्च शिक्षा आयुक्त ने नोटिस में प्रिंसिपल से कहा कि आपने लिबरल एजुकेशन माइनोरिटी ट्रस्ट द्वारा प्रस्तुत फर्जी दस्तावेजों को सत्यापित कर नए कॉलेज को शुरू करने की अनुशंसा कर सम्बंधित ट्रस्ट को लाभ पहुंचाने का कार्य किया है इसलिए क्यों ना आपके विरुद्ध अनुशासनात्मक और वैधानिक कार्यवाही की जाये। अपना जवाब 15 दिनों में प्रस्तुत करें।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....