भोपाल| ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टरों की कमी के चलते सरकार जल्द ही रिक्त पदों को भरने के लिए भर्तियां शुरू करने वाली है| वहीं बॉन्ड भरने के बावजूद गांवों से दूरी बनाने वाले डॉक्टरों पर कार्रवाई शुरू हो गई है| मप्र मेडिकल काउंसिल (एमपीएमसी) और चिकित्सा शिक्षा विभाग ऐसे डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द करेंगे।
दरअसल, मेडिकल कॉलेजों की लापरवाही के कारण अधिकतर डॉक्टर गांवों में सेवा करने नहीं गए। जानकारी सामने आई है कि वर्ष 2002 से 3899 डॉक्टर ऐसे हैं, जिन्होंने न तो गांवों में सेवा दी और न ही बॉन्ड राशि जमा की। काउंसिल ने डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन के नियमों में भी बदलाव किया था। गुरुवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज (इंदौर) के अधिकारी आयुक्त, मेडिकल एजुकेशन के दफ्तर पहुंचे। कॉलेज ने 711 डॉक्टरों की सूची दी। 115 डॉक्टरों की बॉन्ड राशि 3.23 करोड़ रुपए भी जमा कराए। 503 डॉक्टरों ने नोटिस के जवाब में स्पष्टीकरण भेजा है, जबकि 93 ने एनओसी जमा की। अभी तक प्रदेश् के 203 डॉक्टरों ने बॉन्ड राशि के रूप में 5.5 करोड़ रुपए जमा किए हैं। एमबीबीएस के 166, पीजी के 22 और पीजी डिप्लोमा के 17 हैं।