भोपाल।
विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर किसान प्रदेश की राजनीति के केंद्र में हैं। पहले शिवराज ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर भावांतर योजना बंद करने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी दूसरी एर प्रदेश के कृषि मंत्री ने उनके पत्र का जवाब दिया है। उन्होंने शिवराज पर प्रदेश की जनता को गुमराह करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि कांग्रेस सरकार किसानों के हित में सभी फैसले कर रही है।
कृषि मंत्री ने शिवराज के पत्र के जवाब में एक पत्र लिखा है। उन्होंने सात बिंदुओं में अपने पत्र में सरकार का घेराव किया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा है कि जब केंद्र में मोदी सरकार आई थी तब जून 2014 के निर्णय के आधार पर शिवराज सिंह जी ने गेहूँ की समर्थन मूल्य की ख़रीदी पर 150 रु का बोनस बंद कर दिया था । यही नहीं, 2018 – 19 के लिए धान पर समर्थन मूल्य की ख़रीदी के लिए जो 200 रु का प्रोत्साहन राशि थी उसे शिवराज सरकार ने बंद कर दिया था । उन्होंने लिखा है कि सोयाबीन और मक्का के लिए भावांतर योजना में भी शिवराज सरकार ने 500 रु तक शब्द को इस्तेमाल किया था। अर्थात भाजपा की योजना 500 रु प्रति क्विंटल देने की नहीं थी। अभी कांग्रेस सरकार ने अपने अनुपूरक बजट में प्रोत्साहन राशि के लिए 1500 करोड़ का प्रावधान रखा है ।
उन्होंने भाजपा नेताओं पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि प्रदेश में गेहूं पर प्रोत्साहन राशि को बंद नहीं किया गया है। अभी तो गेहूं की समर्थन मूल्य पर ख़रीदी में अभी समय है और प्रोत्साहन राशि को बंद करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है । अगर कोई आदेश भाजपा के पास हो तो वो सार्वजनिक करे।