ठीक हैं अमिताभ बच्चन की सास इंदिरा भादुड़ी, बोली केयर टेकर बबली, अस्पताल में भर्ती करने की बताई यह वजह

बबली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो ठीक हैं, उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर हुआ है, वे खाना खा रही हैं बात कर रही हैं,बबली ने ये बताने से इंकार कर दिया कि इंदिरा भादुड़ी कौन से अस्पताल में भर्ती हैं

Atul Saxena
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Amitabh Bachchan's mother-in-law

Amitabh Bachchan’s mother-in-law Indira Bhaduri : महानायक अमिताभ बच्चन की सास इंदिरा भादुड़ी के निधन की खबर निराधार है ये कहना है इंदिरा भादुड़ी की केयर टेकर बबली का, सोशल मीडिया पर आई इंदिरा भादुड़ी की खबर की सच्चाई जानने के लिए जब मीडिया उनके घर पहुंची तो बबली ने ख़बरों को अफवाह बताया।

बबली ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वो ठीक हैं, उनकी रीढ़ की हड्डी में फ्रेक्चर हुआ है, वे खाना खा रही हैं बात कर रही हैं, हालाँकि बबली ने ये बताने से इंकार कर दिया कि इंदिरा भादुड़ी कौन से अस्पताल में भर्ती हैं, बबली ने इस बात से भी अनभिज्ञता जताई कि अभिषेक और जया भादुड़ी उनसे मिलने आये हैं लेकिन ये जरुर कहा कि अपने वाले तो आएंगे ही मिलने।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई Amitabh Bachchan की सास के निधन की खबर 

गौरतलब है कि आज बुधवार की दोपहर अचानक खबर आई कि अमिताभ बच्चन की सास, जया भादुड़ी की माँ इंदिरा  भादुड़ी का निधन हो गया, सोशल मीडिया पर यह खबर बहुत तेजी से वायरल होने लगी कई बड़े मीडिया हॉउस और वेबसाईट ने इस खबर को अपने यहाँ पोस्ट भी किया।

Indira Bhaduri की केयर टेकर ने खबर को अफवाह कहा 

इंदिरा भादुड़ी भोपाल में रहती है तो राजधानी की मीडिया भी इस खबर की पुष्टि करने के लिए भागती रही, कोई इस बात की पुष्टि करने के लिए तैयार ही नहीं था कि 94 साल की इंदिरा भादुड़ी के निधन की खबर में कितनी सच्चाई है, आखिरकार बड़ी मशक्कत के बाद मीडिया की मुलाकात इंदिरा भादुड़ी की केयर टेकर बबली से हुई और फिर उन्होंने निधन की खबर को अफवाह बता कर इसका पटाक्षेप कर दिया।

राजधानी Bhopal के हीअस्पताल में भर्ती है इंदिरा भादुड़ी 

हालाँकि इंदिरा भादुड़ी राजधानी के किस अस्पताल में भर्ती है? उनके स्वास्थ्य का हाल जानने क्या अभिषेक बच्चन , जया बच्चन भोपाल आये हैं ? ये सवाल अभी फ़िलहाल निरुत्तर ही है क्योंकि भादुड़ी और बच्चन परिवार अभी इसे डिस्क्लोज करना नहीं चाहता।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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