भोपाल। आधार एक चाइल्ड वेलफेयर ऑर्गनाइजेशन है जोकि डॉक्टरों, थेरेपिस्ट और प्रोफेशनल काउंसलर्स द्वारा गठित किया गया है। आधार एक बच्चे के विकास में इस तरह सहायता करता है कि वो एक स्वस्थ व सामाजिक रूप से जिम्मेदार मनुष्य के रूप में तैयार हो सकें। ‘आधार’ ने कमजोर युवाओं को संचार, परामर्श देने और विशेष बच्चों के साथ माता-पिता की भावनात्मक बाधाओं को कम करता है। साथ ही विशेष बच्चों को लेकर उनकी हिचकिचाहट को खत्म करने का प्रयास करता है कि ताकि वे इन बच्चों के साथ सही दिशा में आगे बढ़कर चुनौतियों को स्वीकार कर सके क्योंकि नैसर्गिक प्रतिभा हर बच्चे में होती है भले ही वो आम बच्चों से हटकर ही क्यों न हो। आधार मजबूत विश्वास के साथ तीन भावुक पेशेवरों के साथ अस्तित्व में आया। आधार विशेष शिक्षा, चिकित्सा और किशोर परामर्श और करियर मार्गदर्शन के क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों की यात्रा अनवरत जारी है।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों और माता-पिता की भागीदारी व इन बच्चों को लेकर उनकी स्वीकार्यता के साथ उन्हें मुख्यधारा शामिल होने के लिए बस कुछ अतिरिक्त प्रयासों की आवश्यकता है इसलिए, इस वर्ष के उत्सव की एक बहुत ही दिलचस्प विशेषता “मेरी अवाज़ सुनो” होगी। जिसमें कविता, संगीत व माइम के जरिए युवा व सीनियर्स प्रस्तुतियां देंगे। यह लोगो से अपने लाइफ जर्नी को शेयर करेंगे। जिसमें उनके संघर्ष, सफलता, डर, भय अौर चुनौतियों की बात होगी।
2 अप्रैल विश्व ऑटिज़्म डे के लिए विशेष आयोजन
आधार पिछले पांच साल से विश्व अॉटिज्म दिवस(2 अप्रैल) सेलिब्रेट करता अा रहा हैे, इसी क्रम में इस साल भी इसी दिन लिंक रोड स्थित अामेर बेकरी हट में शाम 4 बजे से लेकर रात 8 बजे तक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां स्पेशन नीड्स या विशेष बच्चों द्वारा दी जाएंगी, जिसमें वे अपना अभिभावकों के साथ परफॉर्म करेंगे। इस कार्यक्रम में शहरवासी भी शिरकत कर सकते हैं। इस साल यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि भोपाल प्रशासन व कलेक्टर के सहयोग से भोपाल को लाइट इट अप ब्लू किया जाएगा जो कि विश्व अॉटिज्म डे की टैगलाइन भी है। शहर के प्रमखु स्मारक व संस्थान को नीली रोशनी की जाएगी साथ ही शहरवासियों से भी अनुरोध है कि वे भी अपनी इमारतों को नीली रोशनी में पेश करें या पांच नीले गुब्बारे लगाकर अपनी जागरूकता अॉटिज्म को लेकर जाहिर करें। तो आइए हम सब एक ऐसे समाज को विकसित करने में मदद करें जहां प्रत्येक बच्चे व व्यक्ति को शिक्षा, खेलने, उनके आसपास की दुनिया की जिज्ञासाओं का पता लगाने का अवसर मिले। सबसे बढ़कर, हम अपना हृदय उनकी आवश्यकता की ओर खोलें, विशेष हो या सामान्य हम पर भरोसा कर सकें और बिना झिझक या फटकार के अपने गहन अनुभवों को साझा कर सकें।