सत्यप्रकाश ने ही रची थी परिवहन मंत्री और आयुक्त को बदनाम करने की साजिश, एफ आई आर दर्ज

Amit Sengar
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और आयुक्त मुकेश जैन पर 50 करोड की वसूली की झूठी शिकायतें करने का सरगना विभाग का ही बाबू सत्यप्रकाश शर्मा (Babu Satyaprakash Sharma) निकला। ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने मामले की तहकीकात के बाद सत्य प्रकाश के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर ली है। ग्वालियर के धर्मवीर यादव के नाम से मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और आयुक्त मुकेश जैन के खिलाफ पोस्ट ऑफिस से पोस्ट की गई 9 शिकायतों को करने वाला दरअसल विभाग का ही बाबू सत्य प्रकाश शर्मा निकला।

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सत्यप्रकाश ने अपने निजी ड्राइवर के माध्यम से यह शिकायतें पोस्ट कराई थी और शिकायतकर्ता की जगह धर्मवीर यादव का नाम लिख दिया था। जब जानकारी धर्मवीर यादव को हुई तो उन्होंने पुलिस को इस बात की जानकारी दी और ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने मामले की तहकीकात की। दरअसल सत्य प्रकाश शर्मा विभाग में बाबू के रूप में भर्ती हुआ था और चुनिंदा अधिकारियों की मेहरबानी के चलते तरक्की की सीढ़ियां चढ़ता गया। एक समय था जब विभाग में सत्य प्रकाश शर्मा की तूती बोलती थी और विभिन्न ट्रांसफर पोस्टिंग कराने में बताया जाता है कि उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती थी। लेकिन वर्तमान परिवहन आयुक्त मुकेश जैन के पास जब सत्य प्रकाश शर्मा की शिकायतें पहुंची तो उन्होंने उसे न केवल उनके पद से हटा दिया बल्कि कार्यकाल की जांच भी करानी शुरू कर दी। लेकिन सत्य प्रकाश के हौसले इस कदर बुलंद थे कि उसने सीधे परिवहन आयुक्त के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया। बताया जा रहा है कि विभाग के ही कुछ पूर्व आला अधिकारियों का संरक्षण सत्य प्रकाश पर है और उन्हीं के इशारे पर परिवहन मंत्री और आयुक्त के खिलाफ शिकायतें कर रहा था। फिलहाल पुलिस ने सत्य प्रकाश के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कर ली है और उसकी तलाश जारी है।

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सत्यप्रकाश ने ही रची थी परिवहन मंत्री और आयुक्त को बदनाम करने की साजिश, एफ आई आर दर्ज

क्या है मामला

कुछ दिन पहले ग्वालियर के सिंधिया नगर में रहने वाले धर्मवीर सिंह कुशवाह के मोबाइल से स्पीड पोस्ट से भेजी गई डाक की ट्रैकिंग रिपोर्ट आने लगी। दरअसल स्पीड पोस्ट में यह व्यवस्था है कि जिस व्यक्ति के द्वारा डाक भेजी जाती है उसे लगातार उसकी अपडेट स्थिति पता चलती रहती है कि नाक अभी कहां पहुंची। जब धर्मवीर मामले की तह में गए तो पता चला कि उनके नाम से परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और परिवहन आयुक्त मुकेश जैन के खिलाफ 9 शिकायतें की गई है। यह सभी शिकायतें स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजी गई थी और सभी पोस्ट ग्वालियर रेलवे स्टेशन के एमबीसी काउंटर से की गई। पोस्ट ऑफिस में शिकायत करने पर सारी शिकायतें रिकॉल कर धर्मवीर कुशवाह के पास आई और तब पता चला कि किस तरह से उनके नाम से परिवहन मंत्री और आयुक्त की झूठी शिकायतें की गई है।

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इन शिकायतों मे मंत्री और आयुक्त पर अवैध वसूली करने और उपचुनाव में पैसा लगाने की शिकायत की गई थी। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न परिवहन नाको से वसूली की भी शिकायत थी। मामला ग्वालियर की क्राइम ब्रांच को सौंपा गया और प्रारंभिक तहकीकात में वह व्यक्ति पकड़ में आ गया जिसने पोस्ट ऑफिस में जाकर स्पीड पोस्ट की थी।यह व्यक्ति सत्यप्रकाश शर्मा का निजी ड्राईवर निकला जिससे हुई पूछताछ मे सरगना सत्यप्रकाश निकला।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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