भोपाल।
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में भी टिकटों को लेक जमकर सियासी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ परिवारवाद को बढ़ावा देते हुए नेता अपने बेटे-बेटियों के लिए टिकट की मांग कर रहे है, तो वही 70 के फॉर्मूले पर हरी झंड़ी मिलने के बाद वरिष्ठ नेता भी दावेदारी ठोकने से पीछे नही हट रहे है। वही पिछले कुछ समय से लोकसभा चुनाव में खुद के लिए टिकट हासिल करने को लेकर पार्टी के आलाकमान पर दबाव की राजनीति करने वाले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर एक बार फिर चर्चा में हैं। गौर ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बयान का समर्थन किया है। नेताओं द्वारा बेटे-बेटियों के लिए टिकट मांगने पर गौर ने कहा कि इस चुनाव में सबको टिकट मांगने का अधिकार है। विधानसभा में मैने भी बहु के लिए टिकिट मांगा था और अब मैं अपने लिए टिकिट मांग रहा हूं।
दरअसल, गुरुवार को बीजेपी मुख्यमंत्री में चुनाव समिति की बैठक रखी गई थी। इसमें तमाम नेता अपने बेटे-बेटी के लिए टिकट की मांग लेकर पहुंचे थे और ब़ड़े नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी अपने बेटे के अभिषेक के लिए टिकट मांगा और कहा कि मेरा बेटा चार साल से मेरे साथ लगा हुआ है, जब किसान का बेटा किसानी, अधिकारी का बेटा अधिकारी बनता है तो क्या राजनेता के बेटे को भीख मांगनी चाहिए। इस पर गौर से जब प्रश्न किया गया तो उन्होंने भार्गव का सपोर्ट किया और कहा कि सबको टिकट मांगने का अधिकार है। मैने भी अपनी बहू के लिए टिकट मांगा था।साथ ही उन्होने कहा कि इस बार मोदी का प्रभाव कम है, ऐसे में उम्मीदवार ही अहम होंगे।हालांकि कांग्रेस से टिकट का ऑफर मिलने के सवाल पर चुप्पी साधते हुए उन्होंने कहा कि कुछ बातों में खामोशी ही बेहतर होती है।
वही शुक्रवार को प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में भी उन्होंने दावेदारी पेश की थी, जिस पर मीडिया से चर्चा के दौरान प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि सबको दावेदारी करने का अधिकार है, फैसला पार्टी करेगी। गौर के अलावा पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता समेत दर्जनों नेता पहले ही यहां से दावेदारी ठोक चुके हैं। महापौर आलोक शर्मा और प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा भी जोर लगा रहे हैं।आज शनिवार को आलोक शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज के दिल्ली दौरे से पहले उनके बंगले पर उनसे मिलने भी पहुंचे थे। शर्मा ने भी नेताओं के परिजनों को टिकट देने की पैरवी की और कहा कि नेता के बेटे ने यदि कार्यकर्ता के रूप में काम किया हो, टाटपट्टी बिछाई हो तो उसे टिकट जरुर दिया जाना चाहिए। सिर्फ नेता का बेटा होने के नाते ही सिर्फ टिकट न दिया जाए। वही खुद के चुनाव लड़ने पर शर्मा ने कहा कि मैं चुनाव लड़ने के लिए तैयार हूं।वही शुक्रवार को पूर्व विधायक रमेश शर्मा, ध्रुवनारायण सिंह, शैलेंद्र प्रधान और जितेंद्र डागा ने भी चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी।
बता दें कि बाबूलाल गौर इससे पहले भी कई बार चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी गौर ने खुद के लिए टिकट मांगा था, लेकिन उम्र का हवाला देकर उन्हें टिकट नहीं दिया गया। इसके बाद गौर ने पार्टी पर दबाव बनाया और बहू कृष्णा गौर के लिए गोविंदपुरा सीट से टिकट ले लिया और अब वे अपने लिए भोपाल से लोकसभा चुनाव में टिकट मांग रहे है।