भोपाल।
लोकसभा चुनाव से पहले कमलनाथ सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन ने आज बुधवार को जनता के सामने 70 दिन में 83 वचन पूरे करने का हिसाब पेश किया। मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में 70 दिन में 83 वचन पूरे किए है। हमारा लक्ष्य है अगले पांच साल में प्रदेश के सभी शहरों को धूल मुक्त किया जाएगा।इंदौर मॉडल पूरे प्रदेश में लागू हो इसकी प्लानिंग की जा रही है। इस दौरान मंत्री ने कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए कार्यों का लेखाजोखा बताते हुए भविष्य को लेकर किए जाने वाले प्रस्तावों पर भी चर्चा की।इस दौरान मंत्री ने कांग्रेस द्वारा किए गए कामों का आंकड़ों सहित रिपोर्टकार्ड पेश किया।
मंत्री जयवर्धन ने बताा कि नगरीय प्रशासन विभाग ने युवा स्वाभिमान योजना के लिए नीति बनाई। लगभग ढाई लाख युवाओं ने इस योजना में पंजीकृत करवाया है, जिसमें 20 हजार युवा अभी काम कर रहें है। बेरोजगारी के लिए ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 2.50 लाखों में से 50 हजार ऑन बोर्डिंग हो चुकी है और तीस हजार युवाओं की ट्रेनिंग भी चालू कर दी गयी। साथ अवैध कालोनियों को लेकर पर इंदौर में काम किया गया है। इंदौर में 163 अवैध कालोनियों को वैध किया।वही उन्होंने बताया कि भोपाल मास्टर प्लान अक्टूबर नवंबर तक रिलीज किया जाएगा। काम नदी का सौन्दर्यकरण किया जा रहा है , उसकी सफाई की जा रही है। 100 करोड़ रुपए से महाकाल मंदिर का सौन्दर्यकरण किया जा रहा है। जबलपुर में नर्मदा घाट का भी सौन्दर्यकरण किया जा रहा है।
मंत्री जयवर्धन ने कहा कि 1995 में भोपाल का मास्टर प्लान बना, अब हमने रिव्यू किया, अक्तूबर या नवंबर तक लागू करेंगे। तालाब को ध्यान में रखकर इनकी है असोला नगर निगम में भी तालाब नदी सहित जल स्त्रोतों को ध्यान में रख जाएगा। उज्जैन में महाकाल मंदिर के एरिया में 100 करोड़ का भूमि पूजन किया है। जबलुपर में भी नर्मदा घाटों को व्यवस्थित कर रहे।अफॉर्डेबल हाउसिंग प्लान को नई गति मिले उसकी प्लानिंग कर रहें है, रिव्यू कर रहें है। वर्तमान में 34 शहरों में अमृत योजना का काम चल रहा है। इंदौर का सबसे सफल मॉडल था वहां की सफाई के ठेके क्लस्टर वाइस दिए थे लेकिन हमने तय किया है कि इंदौर मॉडल को मध्य प्रदेश में लागू किया जाए। 4 साल में अफोर्डेबल हाउस का एक भी फ्लेट तैयार नहीं, ये चिंता का विषय है इसकी नीति को हम रिव्यू कर रहें। मई के बाद इस पर बड़ा निर्णय लेंगे। मंत्री ने कहा कि अब फ्लेल के लिए 3 लाख सरकार से मिलते, हितग्राही को 4 लाख देना होता। इसे हम बदलकर कुछ बेहतर करेंगे। छोटे शहरों में भी सीवेज के नेटवर्क पर काम कर रहे हैं। बीआरटीएस को लेकर अधिकारियों ने ट्रैफिक बढ़ाने के लिए मई तक का समय मांगा है।