आसमान में सुपरहिट तो जमीन पर पुलिस की लापरवाही से पूरी तरह फ्लॉप हुआ देश का सबसे बड़ा एयर शो

Manisha Kumari Pandey
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Bhopal Air Force Air Show : शनिवार सुबह से ही भोपाल वासियों में एक अलग सा उत्साह था, जोश था उन विमानों को देखने का जिन्हें उन्होंने या तो फिल्मों में देखा है या फिर दुश्मन देश की फौज के दांत खट्टे करते हुए। आज हर भोपाल वासी गवाह बना इस बात का कि भारतीय वायु सेना के जवान कैसे अपनी जान हथेली पर लेकर उन विमानों को उड़ाते हैं, जिनकी सिर्फ आवाज़ किसी के भी रौंगटे खड़े कर दे। लोग सुबह-सुबह भारत के सबसे बड़े एयर शो को देखने के लिए अपने परिवार सहित भोजताल पर पहुंचे, जिसके बाद से ही लगातार उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कारण रहा पूरी तरह फैल पुलिस प्रशासन का मैनेजमेंट।

पत्रकारों के साथ अराजक व्यवहार

जानकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना ने भोपाल प्रशासन से इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मदद मांगी। वायुसेना ने कार्यक्रम के कवरेज के लिए सभी मीडिया जनों को पास मुहैया कराए, जिसकी मदद से मीडिया जन निर्धारित जगह तक पहुंच सकते थे। बावजूद इसके जब सुबह 8:00 बजे के आसपास पत्रकार भारत भवन के गेट पर पहुंचे तब वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनकी गाड़ी को यह कहकर गेट पर ही रोक दिया कि आपकी गाड़ी पर पास नहीं लगा है। पत्रकार द्वारा पुलिस को बताया है क्या की गाड़ी पर लगाने के लिए किसी भी प्रकार का पास वायु सेवा द्वारा नहीं दिया गया है। बावजूद इसके पुलिस अधिकारी द्वारा गाड़ी को यह कहकर अंदर नहीं जाने दिया की गाड़ी पर पास नहीं लगा है। सोचने की बात यह है कि जब पुलिस प्रशासन द्वारा इस तरह का अराजक व्यवहार पत्रकारों के साथ किया गया तो आमजन की क्या ही स्थिति रही होगी।

शो के बाद जनता जाम से परेशान, प्रशासन लापरवाह 

न केवल जाते में बल्कि शो खत्म होने के बाद लौटते वक्त भी आमजन को पुलिस प्रशासन की नाकामी की वजह से भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। वायु सेवा के जवानों का शौर्य और पराक्रम देखने के बाद लौट रहे लोगों को कई घंटे तक जाम में फंसे रहना पड़ा। देखने वाली बात यह थी कि यहां लोग न केवल जाम में फंसे हुए थे बल्कि जाम भी खुद ही खुलवा रहे थे कारण था पुलिस प्रशासन के जवानों का जाम वाली जगह से नदारद रहना। जब जाम में फंसे लोगों से इस बारे में बात की गई तब उन्होंने बताया कि जब तक इनके अफसरों की गाड़ियां जाम में फंसी हुई थी। तब तक पुलिस वाले गाड़ियों के आगे दौड़कर जाम खुलवा रहे थे, लेकिन जैसे ही उनकी गाड़ियां निकली पुलिस वाले वहां से गायब हो गए।

आसमान में सुपरहिट तो जमीन पर पुलिस की लापरवाही से पूरी तरह फ्लॉप हुआ देश का सबसे बड़ा एयर शो

बड़ा हादसा टला

इसके अलावा कमला पार्क के पास भी एक बड़ा हादसा होते-होते रह गया। जानकारी के मुताबिक पार्क के पास एक शेड के ऊपर अधिक मात्रा में भीड़ खड़े होने के कारण शेड धाराशयी हो गया और उसे पर खड़े लोग नीचे आ गिरे। राहत की बात यह रही की इन सभी लोगों को केवल मामूली छोटे हैं और किसी भी तरह की जनहानि नहीं होने पाई। लेकिन गौर करने वाली बात यह भी है कि कमला पार्क जैसी पब्लिक प्लेस पर जहां पुलिस प्रशासन की इतनी चौकस बंदी होने के बावजूद लोग शेड पर कैसे चढ़े। निश्चित तौर पर यह हादसा पुलिस प्रशासन की बड़ी लापरवाही की उजागर करता है।

सुरक्षा व्यवस्था पर उठे कई सवाल

सोचने लायक बात यह है कि इतने बड़े एयर शो के लिए पुलिस की इस तरह की निम्न स्तर की तैयारी, सीएम हाउस के इतने नज़दीक हजारों की तादाद में भीड़ और पुलिस प्रशासन की इस तरह की निम्न स्तर की तैयारी, सड़कों पर जाम न लगे इसे लेकर पुलिस की इस तरह की निम्न स्तर की तैयारी, आने वाले चुनावों और उसमे रोज़ लाखों की संख्या में इक्कट्ठा होने वाली भीड़ की और भोपाल शहर की सुरक्षा को लेकर भी कई बड़े सवाल पैदा करती है।


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पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

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