BHOPAL GAS TRAGEDY : भोपाल गैस कांड के मामले में भोपाल कोर्ट ने डाउ कम्पनी को दिए गए नोटिस को तामील माना है, 3 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान कम्पनी के प्रतिनिधि ने पार्शियल अपीयरेंस का हवाला दिया था, कोर्ट ने नोटिस को तामील मानते हुए ज्यूरिडिक्शन के मामले को लेकर कोर्ट ने विस्तृत जानकारी मांगी है, DJ कोर्ट के आदेश पर भगोड़े कंपनी को पेश करने की जिम्मेदारी डाउ की है, इस पर भी अब कम्पनी को जवाब देना होगा, कोर्ट ने लिखित जवाब के साथ विस्तृत जानकारी मांगी है।
कंपनी को देना होगा जवाब
25 नवंबर को अगली सुनवाई में लिखित जवाब के साथ भोपाल कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है, गौरतलब है कि 7 बार समन भेजने के बाद डाउ केमिकल की तरफ से पहली बार वकील पेश हुए थे। इसके साथ ही कंपनी को भोपाल ग्रुप फॉर इनफार्मेशन एन्ड एक्शन की 26 फरवरी 2004 की याचिका का भी जवाब देना होगा। इस याचिका में कहा गया था कि डाव केमिकल जानबूझकर एक ऐसी कम्पनी का अधिग्रहण किया जो भारत सरकार और भारत की अदालतों द्वारा एक घोषित भगोड़ी अपराधी कम्पनी है,इसलिए आपराधिक मुकदम का सामना करने के लिए कार्बाइड को भोपाल जिला अदालत में पेश करना डाव का कानूनी दायित्व है। इसके साथ ही भोपाल जिला अदालत के आदेश जो डाव कारपोरेशन इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के आपराधिक दायित्व और 2005 के एक दूसरे आदेश जो डाव केमिकल USA द्वारा यूनियन कार्बाइड को अदालत में ना पेश करने के सम्बन्ध या एक भगोड़े को शरण देने के सम्बन्ध में था उस पर भी तर्क और लिखित कथन करने के लिए निर्देशित किया है।
पहली बार डाउ कंपनी के वकील हुए थे पेश
मंगलवार यानि 4 अक्टूबर को जिला अदालत में सुनवाई हुई थी, जिसमें पहली बार डाउ केमिकल (यूनियन कार्बाइड) के वकील कोर्ट में पेश हुए, 7 बार समन भेजने के बाद डाउ केमिकल की तरफ वकील पेश हुए थे, वकीलों ने कोर्ट से डिटेल ऑब्जेक्शन फाइल करने के लिए और समय मांगा, जिला कोर्ट ने अगली तारीख 25 नवंबर तय की है।