भोपाल।फराज शेख | राजधानी की क्राइम ब्रांच में पदस्थ पुलिसकर्मियों की गुंडागर्दी थमने का नाम नहीं ले रही है। क्राइम ब्रांच में विवादित पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग से अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। एक बार फिर क्राइम ब्रांच के दो पुलिसकर्मियों पर फर्जी प्रकरण में फंसाने की धौंस देकर तीस हजार की वसूली करने के आरोप लगे हैं। मामले की शिकायत कानून मंत्री पीसी शर्मा से की गई थी। जिसके बाद मंत्री ने कर्रवाई के लिए डीआईजी भोपाल इरशाद वली को पत्र लिखा। डीआईजी के आदेश पर दोनों पुलिसकर्मियों की जांच शुरू हो गई है। वहीं लगातार मिल रही क्राइम ब्रांच की शिकायतों के बाद पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी से मंत्री तक खासे नाराज हैं। जल्द क्राइम ब्रांच में बड़ा फैरबदल तय माना जा रहा है।
जानकारी के अनुसार 65 वर्षीय नसीम अहमद जहांगीराबाद के निवासी हैं। वह एमपीईबी के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उनका 22 वर्षीय बेटा जिया उल इस्लाम ऐसी रिपेरिंग का कार्य करता है। नसीम का आरोप है कि क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मि महेंद्र सिंह और अविनाश मेघ खत्री ने बीते 5 नवंबर को उनके बेटे को घर के पास से उठा लिया था। जिसके खिलाफ पूर्व में कोई अपराध दर्ज नहीं रहा है। दोनों पुलिसवालों ने उसे क्राइम ब्रांच में लेजाकर एनडीपीएस एक्ट के फर्जी प्रकरण में फंसाने की धमकी दी। छोडऩे के एवज में तीस हजार रूपए केश लिए। नसीम का यह भी आरोप है कि दोनों पुलिसवालों द्वारा बेटे को पिछले कई दिनों से क्राइम ब्रांच के आफिस बुलाया जा रहा था। कई बार पूछने के बाद भी उस पर अपराध क्या है इस बात की जानकारी नहीं दी जा रही थी। पुलिस कस्टडी में रकम लाने के लिए परिजनों पर दबाव बनाने के लिए जिया के साथ जमकर मारपीट की जाती थी। उसका मेडिकल भी कराया गया है। विभागीय कार्रवाई में लीपा-पोती के प्रयास किए जाते हैं तो आरोपियों पर कार्रवाई के लिए परिवार न्यायालय की शरण में जाएगा। नसीम का कहना है कि मामले की शिकायत कानून मंत्री पीसी शर्मा से की गई थी। उन्होंने पत्र लिखर डीआईजी भोपाल को जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए थे। बाद में डीआईजी से भी लिखित शिकायत की गई है।
– कथित आडियो भी आया सामने
नसीम की ओर से शिकायत के साथ दो कथित ऑडयो भी संग्लन किए गए हैं। जिसमें अविनाश और महेंद्र दूसरे काम कराने का दबाव जिया पर बनाते दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं आडियो में लेनदेन संबंधी बातें भी की जा रही हैं। मामले की जांच एएसपी क्राइम ब्रांच निश्चल झारिया ने शुरू कर दी है।
– बर्खास्त हो चुका है खत्री
अविनाश मेघ खत्री करीब पांच साल पहले क्राइम ब्रांच में ही पदस्थ रहने के दौरान बर्खास्त किय गया था। तब उस पर चोरी का लोहा बेचकर लाखों रूपए डकारने के आरोप लगे थे। इस मामले में एक ट्रक चालक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी। बाद में कोर्ट से प्रकरण निपटा और अविनाश दोबारा क्राइम ब्रांच में पदस्थ कर दिया गया। उसका करीबी रिश्तेदार एक एएसपी का रीडर है, जो विभागी जांचो से बचाने में उसकी मदद करता है।
– हत्या के भी लग चुके हैं आरोप
बर्खास्तगी के दौरान ही अविनाश पर मोहसिन उर्फ रेडियो की जेल में हुई संदिग्ध हालातों में मौत के मामले में गंभीर आरोप लगे थे। आरोप था कि मोहसिन को घर से उठाकर अविनाश ही क्राईम ब्रांच तक पहुंचा था। जहां उसके साथ जमकर मारपीट की गई। हीटर पर लघुशंका कराई गई। जिससे मोहसिन के प्रायवेट पार्ट में गंभीर तकलीफ थी। घायल हालत में ही उसे जेल दाखिल किया गया था। इस मामले में कोई ने क्राइम ब्रांच के पांच पुलिसकर्मियों सहित टीटी नगर के तत्कालीन टीआई और जो जेलरों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज करने के आदेश किए थे। हालांकि मामला पुना: जांच में है और विचाराधीन है।