भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल पुलिस ने देवर भाभी का एक ऐसा गिरोह पकड़ा है जो चरस की तस्करी में शामिल है। चरस तस्करी में शामिल भाभी और देवर से क्राइम ब्रांच ने 9.930 कि.ग्रा चरस जिसकी कुल कीमत लगभग 5 करोड रूपये से अधिक है जब्त की है। बताया जा रहा है कि नेपाल से भोपाल के रास्ते मुम्बई यह चरस सप्लाई की जा रही थी, लेकिन उससे पहले ही मुम्बई जा रही डिलेवरी को भोपाल क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया।
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क्राइम ब्रांच पुलिस भोपाल को विश्वसनीय मुखबिर से सूचना मिली थी कि सवारी आटो में एक महिला व एक पुरुष बैठे है जिनके पास चरस रखी है जो सवारी आटो में बैठकर शाहजहानाबाद की ओर से हबीबगंज (कमलापति) रेल्वे स्टेशन की तरफ करीबन सुबह 8 से 9 बजे के बीच जायेंगे, जिन्हे पकडा गया तो उनके पास से भारी मात्रा में चरस मिल सकती है, यदि समय पर नही पकडा तो वह चरस लेकर निकल जायेंगे या चरस को इधर- उधर कर देंगे। सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों एवं पुलिस उपायुक्त अपराध अमित कुमार एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त शैलेन्द्र सिंह चौहान के निर्देश पर टीम गठित की गई जो जिंसी के रास्ते पर तैनात हो गई, ऑटो नजर आने पर पीछे की सीट पर एक पुरुष व एक महिला बैठे हुये थे । नाम पता पूछने पर पुरुष ने अपना नाम शाहिद पिता अब्दुल वाहिद उम्र 44 साल निवासी याकूब ड्राइवर सोलापुर चाल कामा रोड गांव देवीडोंगरी उस्मानिया डोंगरी थाना डी एन नगर अंधेरी वेस्ट मुंबई एवं महिला ने जुलेखा पति अब्दुल कलाम सिद्दीकी उम्र 48 वर्ष निवासी याकूब ड्राइवर सोलापुर चाल कामा रोड गांव देवीडोंगरी उस्मानिया डोंगरी थाना डी एन नगर अंधेरी वेस्ट मुम्बई का होना बताया, दोनों की तलाशी में पुलिस को चरस मिली। पुलिस ने आरोपी जुलेखा के कब्जे से 1.480 किलोग्राम अवैध मादक पदार्थ चरस जप्त किया गया तथा आरोपी वाहिद 1.485 किलोग्राम मादक पदार्थ चरस जप्त किया गया । दोनो आरोपियो से कुल 2.965 कि.ग्रा मादक पदार्थ चरस जप्त की गयी।
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सभी आऱोपी मूलतः कानपुर उ.प्र. व नेपाल के है जो पहले से ही एक दूसरे को जानते थे आरोपी महिला का पति चरस की तस्करी करता था, जिसके साथ महिला ने काम शुरू किया था लेकिन फिर पति की मौत के बाद मुम्बई में रह कर उसने देवर के साथ मिलकर चरस गिरोह तैयार कर लिया। चरस तस्करी का दलाल शाहिद उर्फ बबलू भोपाल में रहकर नेपाल से आने वाली चरस को मुम्बई गिरहो के माध्यम से मुम्बई तक पहुँचाता था नेपाल से सस्ते दामो में खरीदकर मुम्बई में लाखो रूपयो का मुनाफा कमाते थे। तस्कर चरस तस्करी का यह काम काफी समय से चल रहा था नेपाली तस्कर से चरस बबलू उर्फ शाहिद के माध्यम से पहुँचती थी।