Bhopal News : मानसिक रूप से बीमार अपने ही मासूम बेटे की पिता ने की गला दबाकर हत्या

लिस ने जब अमिताभ से अपने ही बेटे की हत्या की वजह पूछी और उसने जो बताया उसे सुनकर पुलिस भी चौंक गई, अमिताभ ने बताया कि उसका बेटा जन्म से ही मानसिक बीमार था, उसके इलाज पर बहुत पैसा खर्च हो रहा था, इलाज के चलते उसपर कर्जा भी बहुत चढ़ गया था, उसका घर बिक चुका था

murder of innocent child

Bhopal News :  आपको हम जो बताने जा रहे हैं उसे पढ़कर थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन ये सच है, एक पिता ने अपने ही 8 साल के बेटे की गला दबाकर हत्या कर दी, बच्चा मानसिक रूप से बीमार था, उसके इलाज पर बहुत पैसा खर्च हो चुका था, घर बिक चुका था जिससे पिता परेशान था, हत्या के बाद पिता आत्महत्या करने निकला लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पाया और पुलिस थाने जाकर आत्म समर्पण कर दिया, पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कोलार रोड चूना भट्टी क्षेत्र में स्थित राधा कृष्ण काम्प्लेक्स गणपति एन्क्लेव में रहने वाले 43 साल के अमिताभ खिरवरकर अपनी पत्नी,  बुजुर्ग सास और आठ वर्षीय बेटे आरव खिरवरकर के साथ रहता था,  आरव को बचपन से मानसिक बीमारी थी वो डाउन सिंड्रोम से पीड़ित था, आरव ना बोल पाता था और ना ही सुन नहीं पाता था।

अचानक पिता ने दबा दिया बेटे का गला 

पिछले दिनों सुबह के समय अचानक अमिताभ खड़ा हुआ और उसने आरव का गला दबा दिया, जिस समय अमिताभ ने गला दबाया उस समय पत्नी छत पर गई थी, जब वो लौट कर आई तो आरव बेसुध पड़ा था उसने अमिताभ से पूछताछ की और बेटे को लेकर अस्पताल भागी जहा डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।

आत्महत्या करने निकला लेकिन पहुंच गया पुलिस थाने 

घटना होने के बाद ग्लानी से भरे अमिताभ आत्महत्या करने के लिए घर से निकल गया, लेकिन कुछ दूर जाकर उसकी हिम्मत जवाब दे गई और खुद पुलिस थाने पहुंचकर आत्म समर्पण कर दिया और पुलिस के सामने बेटे की हत्या करने की बात कुबूल कर ली, जिसके बाद पुलिस ने अमिताभ को गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस को बताई हत्या की वजह, गिरफ्तार 

पुलिस ने जब अमिताभ से अपने ही बेटे की हत्या की वजह पूछी और उसने जो बताया उसे सुनकर पुलिस भी चौंक गई, अमिताभ ने बताया कि उसका बेटा जन्म से ही मानसिक बीमार था, उसके इलाज पर बहुत पैसा खर्च हो रहा था, इलाज के चलते उसपर कर्जा भी बहुत चढ़ गया था, उसका घर बिक चुका था वो एक सिक्योरिटी एजेंसी में काम करता है इसलिए परेशान था और इसलिए गुस्से में उसने बेटे की हत्या कर दी।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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