Bhopal News: भोपाल की जिला अदालत ने धोखाधड़ी (Banking Fraud) के एक मामले में IAS और IRS की पत्नियों के खिलाफ FIR के आदेश दिए हैं। इस मामले में बैंक के कुछ कर्मचारियों के साथ अन्य लोगों पर भी FIR के आदेश जारी हुए हैं। आरोप है कि बैंक अधिकारियों से सांठगांठ कर इन लोगों ने 30 करोड़ की संपत्ति को सिर्फ 7 करोड रुपए में खरीद लिया।
क्या है मामला?
भोपाल में बैंक ऑफ़ बड़ौदा में धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले में बैंक ऑफ़ बड़ौदा (Bank Of Baroda) के अधिकारियों ने वेल्यूयर के साथ जमीन को खरीदने वालों के साथ मिलकर अंजाम दिया है। दरअसल, भोपाल के ही रहने वाले आदित्य भटनागर नामक व्यक्ति ने परिजनों के साथ 2010 में बैंक ऑफ़ बड़ौदा से 4.75 करोड़ रुपए का लोन लिया था। उसके बाद एक्सटोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड को कोलेट्रल लोन भी दिया जो 127296000 रुपये का था। 2011 में इस संपत्ति की वैल्यूएशन हुई और उसका मूल्य 137283000 रुपये रखा गया जिसके आधार पर 12729600 हजार रुपए की लिमिट बनाई गई। आवेदक के परिजन लगातार लोन की किस्तों पर कर रहे थे और 2016 तक यह लोन रेगुलर था। 16 जनवरी 2016 की स्थिति में भी कोई ओवरड्यू नहीं था और बैंक के द्वारा इस बारे में एक प्रमाण पत्र भी जारी किया गया था कि यह खाता रेगुलर है और इस पर कोई ओवरड्यू नहीं है।
बैंक के अधिकारी भी षड्यन्त्र में शामिल
इसी बीच बैंक के अधिकारियों के साथ मिलकर कुछ लोगों ने षडयंत्र किया और 31 मार्च 2016 को आवेदक के परिजनों और एक्सट्रोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड के खाते को एनपीए कर दिया गया। जबकि उनके द्वारा किस्त लगातार दी जा रही थी। एनपीए की जाने की सूचना भी एक महीने बाद दी गई।इस मामले में आवेदक ने बैंक ऑफ़ बड़ौदा के खिलाफ डीआरटी जबलपुर में वाद प्रस्तुत किया, जो इस समय चल रहा है। लेकिन इस बीच बैंक के लोगों ने अभियुक्तों के साथ मिलकर संपत्ति का मूल्यांकन 6.22 करोड़ रुपए कर लिया और अंग्रेजी के एक समाचार पत्र में इसकी सूचना प्रकाशित करके एक ही बिड आने के बाद भी इसे 7.5 करोड रुपए में खरीद लिया। जबकि उसका वास्तविक मूल्य वर्तमान में 31 करोड रुपये है।
कोर्ट ने सुनाया फैसला, दर्ज होगा एफआईआर
इस पूरे मामले में पुलिस से भी कार्रवाई की गुजारिश की गई लेकिन कुछ न होने पर उसके बाद न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया। मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायालय ने आठ लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश भोपाल के कोलार थाने को दिए हैं। इस मामले में IPC की धारा 406, 409, 420 और 120 बी के तहत मामला दर्ज करने के आदेश जारी हुए हैं ।
आरोपियों के नाम
हैरत की बात यह है कि इस पूरे मामले में मध्य प्रदेश के एक IAS वीरेंद्र कुमार की पत्नी रेणू चौधरी, मुंबई के आयकर विभाग में पदस्थ IRS अधिकारी की पत्नी सुनीता डेहरिया, सोनू पचौरी और मुस्कान गुप्ता चारों खरीददार पर FIR के आदेश हुए हैं। इसके साथ ही संदीप अग्रवाल और मनोज गुप्ता, जो वेल्यूयर थे, उन्हें भी आरोपी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। बैंक ऑफ़ बड़ौदा के तत्कालीन प्रबंधक राकेश भाटिया और मैसर्स ए मोटर के मालिक अबरार पर भी खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इस पूरे मामले में एडवोकेट योगेश जैन ने आदित्य भटनागर और परिजनों की ओर से पैरवी की और उनके द्वारा दिए गए तथ्यों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।