Sat, Dec 27, 2025

Bhopal News : अब मानव संग्रहालय में लीजिये लज़ीज़ ज़ायका, मिलेगा भील जनजाति का पारंपरिक भोजन

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
Bhopal News : अब मानव संग्रहालय में लीजिये लज़ीज़ ज़ायका, मिलेगा भील जनजाति का पारंपरिक भोजन

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। त्योहारों का मौसम है और ये मौसम होता है खाने पीने का भी। हर घर में तरह तरह के व्यंजन बनते हैं, वहीं बाजार भी कई लुभावने स्वाद से सज जाते हैं। इसी कड़ी में अब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय (Indira Gandhi Rashtriya Manav Sangrahalaya) भोपाल में भी सैलानियों के लिए ज़ायके का नया इंतजाम किया गया है।

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संग्रहालय भ्रमण पर आने वाले दर्शकों की मांग पर अब यहां भील जनजाति के पारंपरिक भोजन कार्यक्रम जायका की शुरूआत की गयी है। इस भोजन को भोपाल और बाहर से आने वाले भोजन प्रेमियों ने पहले भी काफी पसंद किया है। इस संबंध में निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि पिछले दो दशकों में विश्व के तमाम बड़े वैज्ञानिकों ने अपने शोध से ये साबित भी किया है कि जनजातियों के प्राकृतिक आहार को यदि आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपना लें, तो पोषक तत्वों की कमी से होने वाले अनेक रोगों की छुट्टी हो सकती है। मक्के की रोटी का सेवन करने से हमारे शरीर को फाइबर प्राप्त होता है, जो पाचन संबंधी समस्याओं से राहत पाने में मदद करता है। यह शरीर में कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। साथ ही फाइबर युक्त आहार लंबे समय तक पेट भरा रखने में मदद करता है।

संग्रहालय की कैंटीन मे हर शनिवार एवं रविवार को दोपहर 1 बजे से 4 बजे के मध्य स्वाद प्रेमियों के लिए मध्यप्रदेश के भील जनजाति का पारंपरिक भोजन मक्का की रोटी, बैगन का भुर्ता, धनिया, लेहसुन की चटनी, गुड आदि पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने का अवसर उपलब्ध है। इस बारे में और जानकारी के लिए इस नंबर पर 9479438303 संपर्क भी किया जा सकता है।